Indian Got Talent 10: ट्रॉफी की जीत इतनी आसान नहीं थी कि वह तीन साल तक घर नहीं गया, अपनी सैलरी खर्च कर दी, फिर भी कोच को ताने देता रहा!

Indian Got Talent 10: ट्रॉफी की जीत इतनी आसान नहीं थी कि वह तीन साल तक घर नहीं गया

Indian Got Talent 10: नक्सलवाद से घिरे बस्तर के छोटे से गांव अबूझमाड़ में मलखंब यानी खंबे पर मार्शल आर्ट के करतब दिखाने वालीं ऐसी प्रतिभाएं छिपी होंगी जो देश भर में ही नहीं, विश्व भर में भी प्रशंसा बटोरेंगी। लेकिन अबूझमाड मलखंब एंड स्पोर्ट्स एकेडमी ने सैन्य कोच मनोज प्रसाद के मार्गदर्शन में ‘इंडियाज गॉट टैलंट 10’ की ट्रॉफी जीतकर यह कमाल कर दिखाया।

यही नहीं, इस टीम ने अमेरिका के गॉट टैलंट के लिए भी ऑडिशन दिया है। हालाँकि, अबूझमाड़ से ‘Indian Got Talent 10‘ का विजेता बनने का यह मार्ग उनके लिए आसान नहीं था। यह टीम कोरोना के मुश्किल दौर में टूटकर बिखर गई थी, लेकिन उनके कोच मनोज प्रसाद का जुनून और जज्बा ने उन्हें वापस जोड़ा और जीत के इस मुहाने तक ले आया।

Indian Got Talent 10: ट्रॉफी की जीत इतनी आसान नहीं थी कि वह तीन साल तक घर नहीं गया

फौज में काम कर रहे मनोज प्रसाद बताते हैं कि वे 2017 में अपने गुरु उदय देशपांडे से मलखंब सीखा था। 2017 में छत्तीसगढ़ के नारायणपुर में पोस्टिंग होने पर मलखंब सिखाने का अवसर मिला। 2020 तक हमारी टीम भारत में पहली थी, लेकिन कोरोनावायरस के कारण वह टूट गई। बच्चे एक-एक घर चले गए।’

 

Indian Got Talent 10: उस समय मैं बहुत परेशान था, मनोज प्रसाद ने कहा। मैंने तीन महीने की छुट्टी ली और टीम को बनाने के लिए अपनी पूरी शक्ति लगा दी। तीन वर्ष तक घर नहीं गया। हर बच्चे को घर में रखा गया। उन पर ही सारी सैलरी खर्च करता था।’

बहुत से लोग विरोध कर रहे थे

मनोज ने कहा कि बहुत सारे लोगों ने विरोध भी किया कि कोरोना काल में बच्चों को घर में क्यों रखा जाना चाहिए। सब मर जाएगा। बहुत विरोध हुआ, लेकिन अधिक लोग हमें सपोर्ट करते थे। फिर मैंने सोचा कि हमें ऐसा करके दुनिया को दिखाना चाहिए। इन बच्चों का विकास होना चाहिए। इसलिए, वह हार नहीं मानना चाहता था, चाहे कुछ भी हो जाए। मैं आठ साल सैन्य सेवा में रहा हूँ और सैन्य सेवा हमें संघर्ष करना सिखाने के लिए ही काम करती है। मेरा एकमात्र उद्देश्य रहा कि वहाँ के बच्चों की प्रतिभा को उजागर करना।’

Indian Got Talent 10: ट्रॉफी की जीत इतनी आसान नहीं थी कि वह तीन साल तक घर नहीं गया

Indian Got Talent 10: जीतने पर क्या करेंगे? इस सवाल पर वह कहते हैं, “हम अबूझमाड़ मलखंब एकेडमी के बेहतरी के लिए ही इसका इस्तेमाल करेंगे।” हम एक शिक्षण संस्था भी शुरू करेंगे। रेजिडेंशियल में अभी 30 बच्चे हैं, और हम 50 तक करेंगे। वहाँ बहुत से परेशान बच्चे हैं, जिन्हें सुधारना और मंच देना चाहिए, ताकि वे आगे बढ़ सकें और छत्तीसगढ़ में नक्सलवाद की समस्या को जड़ से खत्म कर सकें। हमने मलखंब खेल को देश भर में फैलाया। अब अमेरिका का गॉट टैलंट विजेता होगा।’

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