
पंजाब विधानसभा में आज एक सवाल का जवाब देते हुए पंजाब के श्रम मंत्री तरुनप्रीत सिंह सौंद ने यह जानकारी दी, पंजाब में श्रम विभाग राज्य में न्यूनतम मजदूरी बढ़ाने का प्रस्ताव विचाराधीन है।
श्रम मंत्री तरुनप्रीत सिंह सौंद ने विधायक कुलवंत सिंह से पूछा कि क्या पंजाब सरकार बढ़ती महंगाई को देखते हुए न्यूनतम मजदूरी को बढ़ाने पर विचार कर रही है? उन्होंने बताया कि दो तरीकों से न्यूनतम मजदूरी बढ़ाई जाती है। पहला तरीका यह है कि मजदूरी को एक मार्च और एक सितंबर को उपभोक्ता मूल्य सूचकांक में हुई वृद्धि के अनुसार वर्ष में दो बार बदल दिया जाता है। उनका कहना था कि अंतिम वृद्धि 1 सितंबर 2024 को की गई थी और अगली 1 मार्च 2025 से कुछ दिनों में लागू होगी।
इस वर्ष दोगुना होगा
श्रम मंत्री तरुनप्रीत सिंह सौंद ने बताया कि न्यूनतम मजदूरी के बेस रेट में वृद्धि करना दूसरा उपाय है। साथ ही, उन्होंने कहा कि प्रस्ताव विभाग के विचाराधीन है। उनका अनुमान था कि इस साल वृद्धि होगी, जिससे नया बेस वर्ष 2025 में बनेगा। उन्होंने कहा, उनका कहना था कि 2012 में न्यूनतम मजदूरी के बेस रेट में अंतिम बदलाव किया गया था। अब न्यूनतम मजदूरी को 2025 तक दोगुना किया जाएगा।
₹12,673 निर्धारित किया गया है
श्रम मंत्री तरुनप्रीत सिंह सौंद ने 1 सितंबर 2024 से पंजाब में उद्योगों और फैक्ट्रियों में काम कर रहे कर्मचारियों के लिए न्यूनतम मजदूरी दरें भारत सरकार से प्राप्त उपभोक्ता मूल्य सूचकांक के अनुसार निर्धारित कर दीं। इसके तहत अशिक्षित कर्मचारियों का मासिक न्यूनतम वेतन ₹10,996 है। इसी तरह, शिक्षित कर्मचारियों का मासिक वेतन ₹12,673 है, जबकि अर्ध-शिक्षित कर्मचारियों का ₹11,776 है।
कर्मचारियों को मासिक भुगतान
- उच्च-शिक्षित कर्मचारियों का मासिक वेतन ₹13,705 है।
- कैटेगरी-ए के कर्मचारियों को मासिक वेतन ₹16,166 रखा गया है।
- स्टाफ कैटेगरी-बी का मासिक वेतन ₹14,496 निर्धारित किया गया है।
- स्टाफ कैटेगरी-सी का मासिक वेतन ₹12,996 तय किया गया है।
- स्टाफ कैटेगरी-डी का मासिक वेतन ₹11,796 निर्धारित किया गया है।