दिल्ली के कथित शराब घोटाले से जुड़े भ्रष्टाचार के मामले में kejriwal को सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिली है।
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को सुप्रीम कोर्ट ने मनी लॉन्ड्रिंग (कथित शराब घोटाले) मामले में जमानत दे दी है। दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने भी रिहाई का आदेश दिया है, इसलिए केजरीवाल जल्द ही तिहाड़ जेल से बाहर आ जाएंगे। इसलिए आम आदमी पार्टी खुश है। विधानसभा चुनावों से पहले केजरीवाल की रिहाई को पार्टी को पुनर्जीवित करने का अनुमान लगाया जा रहा है। आपके प्रमुख नेताओं का केजरीवाल को जमानत मिलते ही रिएक्शन स्पष्ट है।
आतिशी और दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया सहित आपके कुछ नेताओं को केजरीवाल की जमानत पर निर्णय सुनते हुए दिखाया गया है। जब सुप्रीम कोर्ट जमानत का आदेश देता है, सभी नेता खुश होकर एक दूसरे को गले लगाते हुए बधाई देते हैं।
The Moment When CM @ArvindKejriwal Got Bail From Supreme Court 🥹
AAP Family ❤️ pic.twitter.com/iXsKpnvWAy
— AAP (@AamAadmiParty) September 13, 2024
AAP ने इस वीडियो को X प्लैटफॉर्म पर शेयर किया है। वीडियो में आतिशी और मनीष सिसौदिया को लैपटॉप पर बैठकर सुप्रीम कोर्ट का फैसला सुनते देखा जा सकता है। नेताओं ने राहत की सांस ली और एक-दूसरे को गले लगाया जैसे ही कोर्ट ने अरविंद केजरीवाल को जमानत दे दी। पार्टी के अन्य नेताओं ने भी आतिशी और सिसोदिया से हाथ मिलाया। इसके अलावा, एक और वीडियो सामने आया है जिसमें आतिशी, मनीष सिसोजिया, संजय सिंह और अरविंद केजरीवाल की पत्नी सुनीता केजरीवाल सहित कई नेता मिठाई बाँटते हुए दिखाई देते हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने क्या निर्णय लिया?
उससे पहले, सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को अरविंद केजरीवाल की याचिका पर फैसला सुनाते हुए कहा कि सीबीआई को ‘पिंजरे में बंद तोते’ की कल्पना से बाहर निकालना चाहिए। जस्टिस सूर्य कांत और जस्टिस उज्जल भुइयां की खंड पीठ ने एकमत से केजरीवाल को सीबीआई के मुकदमे में जमानत देने का निर्णय दिया. हालांकि, जस्टिस सूर्य कांत ने 26 जून को सीबीआई की गिरफ्तारी को न्यायोचित ठहराया। यही नहीं, जस्टिस भुइयां ने गिरफ्तारी की वैधता पर सीबीआई पर कड़ी टिप्पणी कीं।
जस्टिस भुइयां ने कहा कि उनकी गिरफ्तारी के दौरान जवाबों से अधिक प्रश्न उठाए गए हैं। ईडी द्वारा जांच किए गए धनशोधन मामले में उनकी नियमित जमानत मिलने से ऐसा लगता है कि सीबीआई सक्रिय हुई। उनका कहना था कि केजरीवाल की देर से गिरफ्तारी गैरकानूनी और अस्वीकार्य है।सीबीआई को न केवल ईमानदार होना चाहिए, बल्कि ऐसा दिखना भी चाहिए। उन्होंने कहा कि केंद्रीय जांच एजेंसी को इस धारणा को छोड़ना चाहिए कि वह पिंजरे में बंद तोता है।।
न्यायमूर्ति भुइयां ने फैसला पढ़ते हुए कहा, ‘सीबीआई देश की एक प्रमुख जांच एजेंसी है। यह जनहित में है कि सीबीआई न केवल निष्पक्ष हो, बल्कि ऐसा उसे दिखना भी चाहिए। उनका कहना था कि इस भ्रम को दूर करने के लिए हर संभव प्रयास किया जाना चाहिए कि गिरफ्तारी और जांच मनमाने तरीके से की गई थीं।कानून द्वारा नियंत्रित एक लोकतांत्रिक व्यवस्था में विचार महत्वपूर्ण है।