Martyrs Day 2024: शहीद दिवस इन वीर सपूतों की याद में मनाया जाता है; जानें उनके कुछ उत्साहपूर्ण विचार।

Martyrs Day 2024: आज देश भर में Martyrs Day मनाया जा रहा है। यह वर्ष भरत सिंह शिवराम राजगुरु और सुखदेव थापर की याद में दूसरा Shaheed Diwas है। सन् 1931 में, इसी दिन युवा स्वतंत्रता सैनानियों को फांसी दी गई थी। इस दिन देश की आजादी के लिए कुर्बान होने वाले अमर शहीदों को श्रद्धांजलि दी जाती है।

Martyrs Day 2024: देश के इतिहास में आज का दिन अत्यंत महत्वपूर्ण है। आज शहीद दिवस मनाया जाता है, जो शहीदों के सम्मान और उनके बलिदान की याद में मनाया जाता है। 23 मार्च को हर साल हर दिन मनाया जाता है। सन् 1931 में, भारत के युवा स्वतंत्रता सैनानी भगत सिंह, शिवराम राजगुरु और सुखदेव थापर को अंग्रेजों ने फांसी पर लटकाया था। यह दिन आजादी की लड़ाई में हंसते-हंसते अपनी जान देने वाले अमर शहीदों की स्मृति में मनाया जाता है।

शहीद दिवस भारत में दो बार मनाया जाता है। 30 जनवरी को बापू, यानी महात्मा गांधी की पुण्यतिथि पर पहला शहीद दिवस मनाया जाता है. 23 मार्च को भारत के वीर सपूतों भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु को दूसरा शहीद दिवस समर्पित किया जाता है। इस अवसर पर शहीद दिवस का इतिहास और शहीद भरत सिंह के कुछ महत्वपूर्ण विचारों को जानें-

शहीद दिवस क्यों मनाया जाता है?

महज 23 वर्ष की उम्र में भारत माता के वीर सपूत भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु ने ब्रिटिश शासन के खिलाफ आवाज उठाई और देश की आजादी की लड़ाई लड़ी। 23 मार्च को देश के लिए अपनी जान देने वाले वीर स्वतंत्रता सैनानियों की याद में हर साल शहीद दिवस मनाया जाता है। विभिन्न संस्थाओं, सरकारी और गैर सरकारी संगठनों ने इस मौके पर कई कार्यक्रम आयोजित किए हैं। भरत सिंह ने कुछ महत्वपूर्ण विचार व्यक्त किए हैं:

मैं एक मानव हूँ और जो कुछ भी मेरी मानवता को प्रभावित करता है, वह मेरे लिए महत्वपूर्ण है।

जीवन अपने आप चलता है, दूसरों के कंधों पर सिर्फ जनाजे उठाए जाते हैं।

कानून पवित्र है, जब तक वह लोगों की इच्छा को व्यक्त करता है।

अब हमारे दिल में सरफरोशी की तमन्ना है; देखना है कितना जोर बाजु-ए-कातिल में है।

मैं एक पागल हूँ जो जेल में भी स्वतंत्र हूँ; राख का हर कण मेरी गर्मी से गतिमान है।

मैं जानता हूँ कि अगर मैं इश्क लिखना भी चाहूँ तो मेरी कलम इंकलाब लिखती है।

जो भी विकास के लिए खड़ा है, उसे हर बात की आलोचना करनी होगी, साहस करना होगा और चुनौती देनी होगी।

वर्तमान युग में महान और उच्च विचारों का अध्ययन करना चाहिए जो युवा दुनिया में तरक्की करना चाहते हैं।

जीवन अपने कंधों पर जीता है और दूसरों के कंधे पर जनाजे उठाते हैं।
क्रांति बम से नहीं आती, बल्कि विचारों से आती है।

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