मंत्री श्री जुएल ओराम: राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग का 22वां स्थापना दिवस मनाया
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केंद्रीय जनजातीय कार्य मंत्री श्री जुएल ओराम ने राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग की सराहना की।
केंद्रीय जनजातीय कार्य मंत्री श्री जुएल ओराम ने राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग की सराहना की। उनका कहना था कि आयोग ने संविधान द्वारा दी गई शक्तियों का प्रयोग करते हुए वन अधिकार कानून को लागू करने और देखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग के 22वें स्थापना दिवस समारोह में आज वे उपस्थित लोगों को भाषण दे रहे थे।
मंत्री श्री जुएल ओराम ने वादा किया कि जनजातीय मंत्रालय आयोग के साथ मिलकर अनुसूचित जनजाति समाज का सर्वांगीण विकास, सामाजिक न्याय और सम्मानपूर्ण जीवन जीने के लिए निरंतर काम करेगा। उन्होने अपने भाषण में अनुसूचित जनजाति समाज के लिए केंद्र सरकार के स्तर से की जा रही विशिष्ट कार्रवाई भी बताई. उन्होंने कहा कि उनका मंत्रालय एकलव्य मॉडल स्कूल, प्री-और पोस्ट मैट्रिक छात्रवृति, राष्ट्रीय ओवरशीज़ छात्रवृति जैसे विशिष्ट पहल कर रहा है। केंद्र सरकार ने देश भर के 75 जनजाति समुदायों को विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूह (पीवीटीजी) घोषित किया है, ताकि एक विशेषीकृत विकास योजना की शुरुआत की जा सके।
राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग के अध्यक्ष श्री अंतर सिंह आर्य ने स्थापना दिवस कार्यक्रम में अपने भाषण में कहा कि पदभार ग्रहण करने के बाद से वर्तमान आयोग देश भर के अनुसूचित जनजाति समुदायों के साथ निरंतर यात्रा कर रहा है। साथ ही, आयोग अपने लक्ष्यों को सफलतापूर्वक पूरा करते हुए 100 दिवस की कार्ययोजना बनाकर देश भर के राज्यों, जिलों और सार्वजनिक कार्यक्रमों की समीक्षा कर रहा है। उन्होने अनुसूचित जनजातियों के अधिकारों की रक्षा और उन्हें विकसित करने के लिए आयोग द्वारा किए गए कार्यों और उपलब्धियों पर चर्चा की।
श्री निरुपम चकमा, डॉ. आशा लाकड़ा और श्री जाटोतु हुसेन भी इस कार्यक्रम में अपने विचार और अनुभव साझा किए। राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष श्री हंसराज गंगाराम अहीर और राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग के सदस्य श्री वड़ेपल्ली रामचंदर के साथ-साथ कई राष्ट्रीय आयोगों के अध्यक्ष, सदस्य और सचिवों, अनुसूचित जनजाति समुदायों के प्रतिनिधियों और विश्वविद्यालयों के छात्रों ने कार्यक्रम में भाग लिया।
आयोग के सचिव श्री पुनीत कुमार गोयल ने उद्घाटन सत्र में अतिथियों का स्वागत किया और आयोग की मुख्य गतिविधियों, सफल प्रकरणों और संक्षिप्त परिचय दिया। उदघाटन सत्र के बाद, राष्ट्रीय कौशल विकास निगम के विशेषज्ञों, दिल्ली विश्वविद्यालय के शिक्षाविदों और नीति निर्माताओं ने जनजातीय समुदायों की प्रगति, विकास, कौशल और उद्यमिता पर चर्चा की। कार्यक्रम का समापन आयोग के संयुक्त सचिव श्री अमित निर्मल के धन्यवाद ज्ञापन से हुआ।
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