मंत्री श्रुति चौधरी: बच्चों के विकास के लिए क्रेच में आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध होंगी
हरियाणा की महिला एवं बाल विकास तथा सिंचाई मंत्री श्रुति चौधरी ने 324 क्रेच केंद्रों का उद्घाटन करने पर मुख्यमंत्री नायब सैनी का आभार व्यक्त किया।
कैबिनेट मंत्री श्रुति चौधरी ने कहा कि प्रदेश के सभी जिलों में छह महीने से छह साल तक के बच्चों की देखभाल के लिए क्रेच खोले जा रहे हैं।
क्रेच एक ऐसी जगह है जहां कामकाजी महिलाएं अपने बच्चों को छोड़कर काम पर जा सकती हैं। बच्चों को क्रेच में शैक्षिक गतिविधियां कराई जाती हैं और सुरक्षित और पौष्टिक भोजन मिलता है। महिलाएं अपने करियर को जारी रख सकती हैं और अपने बच्चों की देखभाल भी कर सकती हैं। क्रेच सुविधा से कामकाजी महिलाओं को मिलने वाली राहत का जिक्र करते हुए महिला बाल विकास मंत्री श्रुति चौधरी ने क्रेच सुविधा से कामकाजी महिलाओं को मिलने वाली राहत का जिक्र करते हुए कहा कि क्रेच से महिलाओं को अपने करियर और पारिवारिक जिम्मेदारियों को संतुलित करने में मदद मिलती है और निश्चित रूप से उनका तनाव कम होता है। उनका कहना था कि क्रेच में बच्चों का समग्र विकास होता है।
सरकार के 100 दिन पूरे होने पर मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने 324 क्रेच केंद्रों का उद्घाटन किया। इसमें भिवानी के 21, करनाल के 43, सोनीपत के 7, यमुनानगर के 33, पानीपत के 19, पंचकूला के 10, कैथल के 18, गुरुग्राम के 11, फरीदाबाद के 8, जींद के 19, अंबाला के 9, कुरुक्षेत्र के 13, नूंह के 4, महेंद्रगढ़ के 9, पलवल के 15, रेवाड़ी के 15, फतेहाबाद के 17, चरखी दादरी के 4, रोहतक के 7, झज्जर के 9, सिरसा के 15 व हिसार के 18 क्रेच शामिल हैं।
मंत्री श्रुति चौधरी ने बताया कि आंगनवाडी-कम-क्रेच केंद्रों और हरियाणा क्रेच केंद्र (स्टैण्डलोन क्रेच) की सालाना लागत लगभग साढ़े 12 लाख रुपये होगी। गुणवत्तापूर्ण मोबाइल क्रेच बनाने के लिए हरियाणा के महिला एवं बाल विकास विभाग ने मोबाइल क्रेच संगठन से समझौता किया है। शिशु घरों का निर्माण, संरचना और प्रबंधन भी ऐसे किया गया है कि बच्चों को कोई परेशानी न हो। हर क्रेच में छः महीने से छः साल तक के कम से कम बीस बच्चों की देखभाल की समुचित व्यवस्था की गई है, जहां वे 8 घंटे से लेकर जरूरत पड़ने पर 10 घंटे तक रख सकते हैं। रसोई और शौचालय अनिवार्य हैं। यहाँ पंखे, बिजली, पेयजल और साफ-सफाई के अलावा पर्याप्त पीने के पानी की व्यवस्था है, साथ ही बच्चों की सुरक्षा और दिशा-निर्देशों पर भी खास ध्यान दिया जाता है। मोबाइल क्रेच विभाग बच्चों के मुख्य विकास के सभी पहलुओं पर बेहतर काम करने के लिए सभी कर्मचारियों को प्रशिक्षित कर रहा है।
कैबिनेट मंत्री श्रुति चौधरी ने कहा कि महिला एवं बाल विकास विभाग क्रेच नीति के तहत और बढ़ती उपयोगिता को देखते हुए इनकी संख्या को लगातार बढ़ा रहा है। पूरे राज्य में 500 क्रेच खोलने की घोषणा की गई थी, जिसमें से 324 क्रेच अब खुले हैं और 30 क्रेच पहले से ही काम कर रहे हैं। ऐसे में महिला एवं बाल विकास विभाग ने 354 क्रेच खोले हैं। इसके लिए, प्रदेश सरकार द्वारा निर्धारित लक्ष्य को जल्द ही पूरा करने के लिए क्रेच वर्कर, हेल्पर, सुपरवाइजर और सीडीपीओ के लिए भी प्रशिक्षण सत्रों का आयोजन किया जा रहा है।
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