रहस्यमय हरसिद्धि माई: गांववालों की नजर पड़ते ही पत्थर की बन गई कन्या, रानगिर शक्तिपीठ
रहस्यमय हरसिद्धि माई
रानगिर की रहस्यमय हरसिद्धि माई मंदिर, मध्य प्रदेश के सागर जिले में स्थित है, बहुत से रहस्यों और आस्था से जुड़ा हुआ है। यहां नवरात्रि के दौरान लाखों लोग माता का दर्शन करने आते हैं। माना जाता है कि हरसिद्धि माई, जो तीन रूपों में प्रकट होती है, सभी भक्तों की मनोकामनाएं पूरी करती है। विंध्य पर्वतमाला के बीच स्थित यह स्थान सदियों पहले घने जंगलों में था। आज भी इस जगह के प्राकृतिक सौंदर्य, जैसे झरने, नदी और पहाड़, जीवंत हैं।
माता की स्थापना से जुड़े लोगों के विचार
स्थानीय कहानियों में कहा गया है कि सदियों पहले एक रहस्यमय कन्या हर दिन नदी पार से गांव में खेलने आती थी। वह शाम को जंगल में चली जाती थी और अपनी सहेलियों को सोने के चांदी के सिक्के देती थी। ग्रामवासियों ने अपनी बेटियों से इस कन्या की पहचान पूछने की कोशिश की, लेकिन वह कुछ नहीं बताती थी। जब यह सिलसिला लंबे समय तक चला, गांव वालों ने उसे पकड़ने का निश्चय किया।
कन्या का पत्थर बनना
उस कन्या को एक दिन गांववालों ने छिपकर पीछा करना शुरू किया। वह नदी पार कर जंगल की ओर जा रही थी, जब उसने मुड़कर देखा, तो वह उसी जगह पर पाषाण (पत्थर) की हो गई। वह पत्थर बनने के स्थान पर एक बेल का पेड़ था, और माता का मुख दक्षिण की ओर था। यह प्रतिमा अपने आप में अलग है क्योंकि अधिकांश दुर्गा माता के मंदिरों में मूर्तियों का मुख दक्षिण की ओर होता है, न कि पूर्व या उत्तर।
स्वयंभू शक्तिपीठ का समर्थन
हरसिद्धि माई के इस मंदिर को स्वयंभू पीठ भी कहा जाता है, जहां तंत्र-मंत्र नहीं होता। कहा जाता है कि माता ने एक सपने में प्रकट होकर बताया कि वह हरसिद्धि दुर्गा के रूप में यहाँ आई हैं और उउनकी सेवा यहीं की जाए। इस स्थान पर माता की पूजा तभी से शुरू हुई और आज तक जारी है। मंदिर के पुजारी कामता प्रसाद शास्त्री, परिवार की दसवीं पीढ़ी से हैं, कहते हैं कि उनका परिवार सदियों से इस मंदिर की सेवा कर रहा है। यहां आने वाले श्रद्धालु माता की कृपा और चमत्कारों से अपने दुःख से छुटकारा पाते हैं।
बुंदेलखंड का प्रमुख केंद्र
रानगिर का हरसिद्धि माई मंदिर बुंदेलखंड का एक महत्वपूर्ण धार्मिक स्थान है, जहां नवरात्रि पर देश भर से भक्त माता के दर्शन करने आते हैं। देवी की अद्भुत और रहस्यमय महिमा के कारण यह स्थान खास प्रसिद्ध है।