राज्यदिल्ली

Delhi-NCR में अगले 48 घंटों तक कोई ऑटो-टैक्सी नहीं चलेगी; हड़ताल की वजह क्या है?

Delhi-NCR के प्रमुख संगठनों ने 22 अगस्त और 23 अगस्त को एकजुट होकर स्ट्राइक करने का निर्णय लिया है। संगठन हड़ताल करेगा जबतक उनकी कई मांगें पूरी नहीं होंगी। ये सभी स्ट्राइक कैब सर्विस कंपनियों की निरंतर अनियमितता के विरोध में हैं।

Delhi-NCR में रहने वाले लोगों की परेशानी दो दिनों तक बढ़ने वाली है। अगर आपको किसी जरूरी काम से बाहर जाना है, तो 22 और 23 अगस्त को पूरी तरह से तैयार होकर घर से निकलें, क्योंकि टैक्सी और ऑटो चालकों की स्ट्राइक आपको परेशान कर सकती है। Delhi-NCR के प्रमुख संगठनों ने 22 अगस्त और 23 अगस्त को एकजुट होकर स्ट्राइक करने का निर्णय लिया है। संगठन हड़ताल करेगा जबतक उनकी कई मांगें पूरी नहीं होंगी।

इस हड़ताल से चार लाख टैक्सियां और एक लाख ऑटो प्रभावित होंगे। ये सभी स्ट्राइक कैब सर्विस कंपनियों की निरंतर अनियमितता के विरोध में हैं। ऑटो-टैक्सी चालकों का कहना है कि कैब सेवा कंपनियां उनका शोषण करती हैं और उनसे भारी कमिशन वसूलती हैं, जिससे उनके पास कुछ भी नहीं बचता। इसलिए, वह इन कंपनियों के मनमाने रवैये से तंग आ गए हैं और स्ट्राइक कि है।

जंतर-मंतर पर धरना देंगे

दिल्ली-एनसीआर के 15 से अधिक संगठनों ने दो दिनों तक चलने वाली इस हड़ताल में भाग लिया है। एक आंकड़े के अनुसार, हड़ताल की वजह से चार लाख टैक्सियां सड़कों पर नहीं दिखने वाली हैं. इसलिए, ऑफिस जाने वालों पर सबसे ज्यादा प्रभाव एप्स के जरिए बुक किए गए कैब्स और ऑटो पर पड़ सकता है। आज दिल्ली के जंतर-मंतर पर सभी ड्राइवर्स अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन करेंगे।

मनमानी करती हैं कंपनियां

टैक्सी चालक सेना यूनियन, दिल्ली ऑटो तिपहिया ड्राइवर यूनियन, राजधानी टूरिस्ट ड्राइवर यूनियन सहित एनसीआर के लगभग 15 बड़े दल इस स्ट्राइक में शामिल हैं। यूनियन के लोगों का कहना है कि परिवहन विभाग और यातायात पुलिस की मिलीभगत से अवैध रूप से चलने वाले ई-रिक्शा और बाइक टैक्सी से भी टैक्सी चालकों का काम बहुत प्रभावित होता है। लंबी दूरी चलने वाली सवारियों के लिए भी कैब कंपनियां अक्सर काफी मोटा कमिशन वसूलती हैं, जिससे चालकों को काफी नुकसान होता है क्योंकि उनके हाथ कुछ भी नहीं लगता। यही कारण है कि संघ ने अपनी मांगों को लेकर हड़ताल की है। एप आधारित कंपनियों की गाड़ियों से बाकी चालकों को भी काफी नुकसान होता है।

कैब आधारित वाहनों को बंद होनी चाहिए

दिल्ली ऑटो-टैक्सी ट्रांसपोर्ट कांग्रेस यूनियन के उपाध्यक्ष आर एस राठौर ने कहा कि यात्रियों को टैक्सी नहीं मिल रही है, यह परेशानी हो रही है और इसका मुख्य कारण गैरकानूनी एग्रीगेटर कंपनियां हैं जो हमारे चालकों को सही पैसा नहीं दे रही हैं। हमने दो दिवसीय हड़ताल का आह्वान किया है, और अगर हमारी मांगों को पूरा नहीं किया गया तो हम आगे बढ़ेंगे। हमारी मांग है कि ऐप आधारित गाड़ियां बंद की जाएं।

 

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