One Nation One Election committee की पहली बैठक समाप्त हुई
केंद्र सरकार ने एक देश के चुनाव के लिए एक उच्चस्तरीय कमेटी की पहली बैठक पूरी हो चुकी है। दिल्ली के जोधपुर ऑफिसर्स हॉस्टल में हुई इस बैठक में बाकी सदस्यों में अध्यक्ष पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद भी शामिल हुए।
2 सितंबर को स्थापित इस कमेटी में गृह मंत्री अमित शाह और पूर्व सांसद गुलाम नबी आजाद सहित आठ सदस्य हैं। केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल को कमेटी का विशिष्ट सदस्य बनाया गया है।
अभी तक कोई नहीं जानता कि बैठक में क्या हुआ।
क्या है One Nation One Election? भारत में फिलहाल दो अलग-अलग समय पर राज्यों के विधानसभा चुनाव और देश के लोकसभा चुनाव होते हैं। One Nation One Election का अर्थ है कि पूरे देश में एक साथ चुनाव हों। यिनी मतदाता एक ही दिन, एक ही समय पर या चरणबद्ध तरीके से लोकसभा और राज्य विधानसभाओं के सदस्यों को चुनने के लिए वोट डालेंगे।
आजादी के बाद 1952, 1957, 1962 और 1967 में एक साथ लोकसभा और विधानसभा चुनाव हुए, लेकिन 1968 और 1969 में कई विधानसभाएं समय से पहले ही भंग कर दी गईं। 1970 में भी लोकसभा भंग कर दी गई। इससे एक देश एक चुनाव की परंपरा समाप्त हो गई।
साथ-साथ चुनाव के फायदे-नुकसान, सात प्रश्नों का उत्तर
‘One Nation One Election’ देश भर में चर्चा में है। यह भी कहा जा रहा है कि विधानसभा चुनाव और लोकसभा चुनाव एक साथ होंगे। क्या वास्तव में इस सत्र में ‘एक देश, एक चुनाव’ बिल पारित हो सकता है? साथ-साथ चुनाव के क्या लाभ हैं? इन सात सवालों के जवाब जानने के लिए पूरी खबर पढ़ें..।
PM मोदी की इच्छा है कि “एOne Nation One Election” लागू हो
“One Nation One Election” सिर्फ चर्चा का विषय नहीं है; यह भारत को भी करना चाहिए। हर कुछ महीने में चुनाव होते हैं। इसका प्रभाव विकास कार्यों पर पड़ता है।ये बात नवंबर 2020 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 80वें अखिल भारतीय पीठासीन अधिकारी सम्मेलन में कही थी।