बरेली की हिंसा की तस्वीर: देखते ही देखते हिंसक भीड़ से निकलकर दुकानों को ध्वस्त कर लोगों को पीटने लगे।

शुक्रवार शाम 3:45 बजे तक बरेली में श्यामगंज में हलचल तो जरूर थी, लेकिन अधिकांश बड़ी दुकानों के शटर गिरने लगे थे। ग्राहक कुछ खुली रह गईं दुकानों में खरीदारी कर रहे थे। चार बजे ही मौलाना तौकीर रजा के प्रदर्शन में शामिल होकर वापस आ रहे करीब डेढ़ से दो हजार के समर्थकों ने हमला बोला।

पटरी पर लगी दुकानों का सामान क्षतिग्रस्त हो गया। साहू गोपीनाथ कॉलेज से आगे बढ़ते हुए भीड़ ने सड़क पर खड़ी बाइकों को गिराया। श्यामगंज चौराहे से पहले बुजुर्ग दुकानदार हरप्रीत सिंह को लक्ष्य बनाया गया था। इसके बाद उसने रास्ते में कई और लोगों को मार डाला।

चौराहे पर एक दुकानदार राजीव ने बताया कि भीड़ का शोर सुनकर दुकानदारों ने शटर गिराने शुरू कर दिए। श्यामगंज चौराहे से कुछ पुलिसकर्मी पिलर नंबर सात के पास पहुंचे और भीड़ को शांत करने की कोशिश की, लेकिन वे शाहदाना की ओर चले गए।

शिवम को पिलर नंबर 10 के नीचे फूलों की दुकान पर बैठे 18 से 20 लोगों ने पीटना शुरू किया। किसी तरह भागकर बच गया। वहां उपस्थित सागिर ने बताया कि फूल बेचने वाले शिवम पिलर पर बैठे थे। उन्हें अचानक भीड़ ने पीटना शुरू कर दिया। वह भागते हुए भीड़ ने दुकान को तोड़ दिया और फूल फेंक दिए।

वहां से कुछ दूरी पर और भी फूलों की दुकानें थीं, लेकिन पुलिस थी, इसलिए उपद्रवी कुछ नहीं कर सके। जब पिटाई के चुटहिल शिवम वापस नहीं आए, तो उनका साथी रोहित ही दुकान में बचे हुए कुछ फूलों को समेटने में लगा।

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