प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी ने कामेश्वर चौपाल के निधन पर शोक व्यक्त किया

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के ट्रस्टी कामेश्वर चौपाल के निधन पर शोक व्यक्त किया।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के ट्रस्टी कामेश्वर चौपाल के निधन पर शोक व्यक्त किया। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि वे एक अद्वितीय रामभक्त थे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने एक्स अकाउंट पर लिखा, “भाजपा के वरिष्ठ नेता और राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के ट्रस्टी कामेश्वर चौपाल के निधन से अत्यंत दुख हुआ है।” वे एक महान रामभक्त थे, जिन्होंने अयोध्या में राम मंदिर बनाने में महत्वपूर्ण सहयोग दिया। कामेश्वर चौपाल समाज, जो दलित पृष्ठभूमि से आता है, वंचित समुदायों के लिए किए गए कार्यों के लिए हमेशा स्मरणीय रहेगा। इस दुःख भरी घड़ी में, मैं उनके प्रियजनों और समर्थकों के साथ हूँ। ओम शांति!”

कामेश्वर जी का जीवन धार्मिक और सामाजिक कामों में बिताया गया।

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने एक्स अकाउंट पर लिखा, “विश्व हिंदू परिषद के केंद्रीय उपाध्यक्ष, श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास के सदस्य एवं 9 नवंबर 1989 को आयोजित ऐतिहासिक शिलान्यास समारोह में पूज्य संत गण की उपस्थिति में श्री राम जन्मभूमि मंदिर निर्माण की प्रथम शिला रखने वाले परम राम भक्त कामेश्वर चौपाल का निधन अत्यंत दुःखद है।” उनका पूरा जीवन धार्मिक और सामाजिक सेवाओं में बिताया गया। उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि! प्रभु श्री राम से प्रार्थना है कि मरने वाले पुण्यात्मा को अपने चरणों में स्थान दें और शोकाकुल परिवारों को यह भारी पीड़ा सहन करने की शक्ति दें।”

राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के ट्रस्टी कामेश्वर चौपाल का निधन हो गया। वे लंबे समय से बीमार थे और सर गंगाराम अस्पताल में उपचाराधीन थे। राम मंदिर का निर्माण कामेश्वर चौपाल ने शुरू किया था। उन्हें संघ ने प्रथम कार सेवक का भी दर्जा दिया था।

9 नवंबर 1989 को राम मंदिर आंदोलन में पहली बार आधारशिला रखने वाले कामेश्वर चौपाल ही थे।

राम मंदिर आंदोलन में 9 नवंबर 1989 को पहली आधारशिला रखने वाले कामेश्वर चौपाल ही थे, लेकिन भव्य राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा 22 जनवरी 2024 को हुई। वे विश्व हिंदू परिषद में भी स्वयंसेवक थे। राम मंदिर आंदोलन में कामेश्वर चौपाल ने बहुत काम किया था। उनकी महत्वपूर्ण भूमिका के कारण उन्हें आधारशिला रखने का निर्णय लिया गया था। 1982 में कामेश्वर चौपाल विश्व हिंदू परिषद का सदस्य बन गए। 1989 में उन्हें पहली बार राज्यपाल का पद मिला।

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