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बजट 2025–26 में व्‍यापार में सुविधा देने की प्राथमिकताएं, जीएसटी संशोधन प्रस्ताव

बजट 2025–26: एक अप्रैल 2025 से विभिन्न राज्यों की आपूर्ति पर इनपुट टैक्स क्रेडिट का वितरण

बजट 2025–26: 01 फरवरी, 2025 को, केंद्रीय वित्त एवं कॉरपोरेट कार्य मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने संसद में केंद्रीय बजट 2025-26 पेश करते हुए कहा कि बजट में जीएसटी कानूनों में बदलाव करने का प्रस्ताव है, जिससे व्यापार को सुविधा मिलेगी। इन संशोधनों में शामिल हैं:

1 अप्रैल, 2025 से, इनपुट टैक्स क्रेडिट को इनपुट सेवा वितरक द्वारा अंतरराज्यीय आपूर्ति के लिए लागू किया जाएगा, जिन पर कर का भुगतान रिवर्स चार्ज के आधार पर दिया जाएगा।

  • ट्रैक एंड ट्रेस व्यवस्था के कार्यान्वयन के लिए विशिष्ट पहचान मार्किंग को परिभाषित करता है।
  • यदि प्रयोजनार्थ पंजीकृत प्राप्तकर्ता को क्रेडिट नोट प्राप्त हुआ है, तो उस नोट के संबंध में कर देनदारी में कमी के कारण इनपुट कर क्रेडिट में बदलाव का प्रावधान।
  • कर की मांग के बिना केवल जुर्माने की मांग के मामलों में अपीलीय प्राधिकरण के समक्ष अपील करने से पहले जुर्माने की 10 प्रतिशत अनिवार्य राशि जमा करना।
  • ट्रैक और ट्रेस नियमों का उल्लंघन करने पर दंड लगाना
  • सीजीएसटी अधिनियम 2017 के अनुछेद 3 के प्रावधान के अनुसार, निर्यात या घरेलू प्रशुल्क क्षेत्र के लिए क्लीयरेंस से पहले एक विशिष्ट आर्थिक क्षेत्र में भंडार किए गए माल या मुक्त व्यापार भंडारण क्षेत्र से की गई आपूर्ति को न तो माल की आपूर्ति माना जाएगा और न ही सेवाओं की आपूर्ति। उपर्युक्त संदर्भित लेनदेन में पहले से ही भुगतान किए गए कर का कोई रिफंड नहीं मिलेगा।
  • नगरपालिका निधि और स्थानीय निधि शब्दों की व्याख्या स्थानीय प्राधिकरण में दी गई है।
  • रिटर्न फाइल करने के लिए विशेष पाबंदियों और स्थितियों को जोडा गया।
  • बजट में कहा गया है कि जीएसटी परिषद की सिफारिशों के अनुसार, यह बदलाव राज्यों से अनुमोदन के बाद प्रभावी होगा।

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