Punjab news: बरनाला जिले के गांव चीमा में भारतीय किसान यूनियन उगराहा की राज्य स्तरीय बैठक हुई। इस अवसर पर कृषि क्षेत्र से जुड़े कई मुद्दों पर चर्चा हुई।
इस मौके पर पत्रकारों से बात करते हुए प्रदेश अध्यक्ष जोगिंदर सिंह उगराहां ने कहा कि किसानों के संघर्ष के दबाव के कारण केंद्र सरकार ने 14 फसलों पर एमएसपी बढ़ा दिया है।
उनका कहना था कि मोदी सरकार ने लोकसभा चुनाव में 400 सीटें जीतने का दावा किया था, लेकिन किसानों के संघर्ष का असर है कि बीजेपी सरकार बनाने के लिए बहुमत हासिल नहीं कर पाई है।
जोगिंदर सिंह उगराहां ने कहा कि सिर्फ फसलों पर एमएसपी नहीं, बल्कि MSP गारंटी कानून भी किसानों की मांग है। उनका कहना था कि एमएसपी अकेले का कोई मतलब नहीं होगा जब सरकारी खरीद MSP पर लागू नहीं होगी। MSP बिना खरीद गारंटी के बेकार है।
उनका कहना था कि MSP पर गारंटी कानून बनने से फसल विविधता बढ़ेगी। पानी बचाने और प्रदूषण की समस्या भी हल होगी। उनका कहना था कि सरकार ने फसलों पर एमएसपी बढ़ा दी है, साथ ही किसानों का खर्च भी काफी बढ़ गया है।
क्योंकि डीजल की कीमत पहले से कई गुना बढ़ गई है, इसलिए किसानों की खर्चों के अनुरूप मूल्य बढ़ाया जाना चाहिए। उनका कहना था कि सरकार को भी ऐसा कानून बनाना चाहिए जिससे एमएसपी से कम मूल्य पर फसल खरीदने वालों पर कार्रवाई की जाएगी। यहां जारी बयानों में, राज्य के कई संघर्षरत किसान संगठनों के नेताओं ने कहा कि ये कीमतें डॉ. स्वामीनाथन आयोग के फॉर्मूले के अनुरूप नहीं हैं।
उन्होंने कहा कि ये कीमतें लागत शुल्क और उच्च मुद्रास्फीति से असंगत नहीं हैं। मुख्य बात यह है कि 14 फसलों के मूल्य घोषित किए गए हैं, लेकिन उनकी खरीद की गारंटी नहीं दी गई है।