Ravi Pradosh vrat 2024: रवि प्रदोष व्रत पर कल सुकर्मा योग: सुबह व शाम की पूजा का शुभ मुहूर्त जानें
Ravi Pradosh vrat 2024: इस महीने के पहले रवि प्रदोष के दिन भी शुभ योग व नक्षत्र बनाया जाएगा। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, प्रदोष व्रत रखने से संतान सुख मिलता है।
Ravi Pradosh vrat 2024: प्रदोष का व्रत प्रत्येक महीने दो बार रखा जाता है। इस व्रत को महादेव को समर्पित किया जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, प्रदोष व्रत रखने से संतान सुख मिलता है। इस महीने के पहले रवि प्रदोष के दिन भी शुभ योग व नक्षत्र बनाया जाएगा। कल, रविवार, शिव को श्रद्धापूर्वक पूजा जाएगा। प्रदोष व्रत के दिन किन शुभ योग व नक्षत्र बन रहे हैं, आइए जानते हैं-
रवि प्रदोष व्रत पर शुभ संयोग
प्रदोष व्रत कल रविवार को पड़ेगा, इसलिए इसे रवि प्रदोष व्रत कहा जाएगा। 15 सितंबर को, दृक पंचांग के अनुसार, सुकर्मा योग शाम 03:14 से शुरू होगा। सुकर्मा योग को अच्छे काम के लिए शुभ मानते हैं। वहीं, इस दिन शाम 6:49 तक श्रवण नक्षत्र रहेगा, फिर धनिष्ठा नक्षत्र होगा।
रवि प्रदोष व्रत के शुभ मुहूर्त
शुक्ल त्रयोदशी तिथि प्रारम्भ – सितम्बर 15, 2024 को 18:12 बजे
शुक्ल त्रयोदशी तिथि समाप्त – सितम्बर 16, 2024 को 15:10 बजे
दिन का प्रदोष समय – 18:26 से 20:46
अमृत काल- सुबह 09:10 से सुबह 10:39 बजे तक
अभिजित मुहूर्त- सुबह 11:51 से दोपहर 12:41 बजे तक
शाम की पूजा का शुभ मुहूर्त – शाम 18:26 से शाम 08:46 बजे तक
अवधि – 02 घण्टे 20 मिनट्स
रविप्रदोष व्रत की पूजा-विधि
स्नान करने के बाद साफ कपड़े पहनें। शिव परिवार सहित सभी देवी-देवताओं की पूजा विधिवत करें। अगर आप व्रत रखना चाहते हैं, तो हाथ में पवित्र जल, फूल और अक्षत लेकर व्रत रखने का निश्चय करें। फिर घर के मंदिर में गोधूलि बेला पर दीपक जलाएं। फिर घर में या मंदिर में भगवान शिव का अभिषेक करें और उनके परिवार की पूजा करें। अब प्रदोष व्रत की कहानी सुनें। फिर घी के दीपक से भगवान शिव की पूरी श्रद्धा से आरती करें। अंत में ॐ नमः शिवाय मंत्र जाप करें। अंत में क्षमा प्रार्थना भी करें।