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शनि देव: इस दिन जरूर पढ़ें ये शनि मंत्र, मिलेगी शनि देव की कृपा।

शनि देव: शनि देव न्याय के देवता हैं, और उनकी पूजा से सफलता मिलती है और दोष दूर होता है। शनिवार को स्नान करना, काले कपड़े पहनना, तेल लगाना और इस शक्तिशाली मंत्र का जाप करना चाहिए।

शनि देव न्याय और कर्म का देवता है। शनिवार को उन्हें पूजा जाता है। शनि देव अच्छे कामों को शुभ फल देते हैं और बुरे कामों को दंड देते हैं। आइए जानें किस दिन शनि मंत्र पढ़ना चाहिए।

शनि देव को न्याय और कर्मफल का देवता मानते हैं, जो जीवन में सुख, समृद्धि और सफलता का प्रतीक हैं। शनिवार को उनकी कृपा पाने के लिए लोग उनकी विशेष पूजा और आराधना करते हैं, इसलिए शनिवार को शनि मंत्र पढ़ना चाहिए। शनिवार को उनकी पूजा की जाती है। शनिदेव अच्छे कामों को शुभ फल देते हैं और बुरे कामों को दंड देते हैं। धार्मिक मत है कि शनि देव की पूजा करने से जीवन में आने वाले सभी दुख और परेशानियां दूर हो जाते हैं। साथ ही, शनि दोष से छुटकारा मिलता है और करियर और व्यापार में सफलता मिलती है। शनिवार को शनि देव का दिन माना जाता है, इसलिए इस दिन उनकी पूजा करने से कुछ फायदे मिलते हैं।

शनि देव के मंत्र

ॐ शं शनिश्चराय नम: शनिवार को शनि की पूजा करते समय इस मंत्र को जाप करना अनिवार्य है। इसे पढ़ने से शनिदेव की विशेष कृपा प्राप्त होती है। शनिवार की सुबह मंत्र जाप करने के लिए जल्दी उठकर स्नान करें और काले कपड़े पहनें। फिर शनि मंदिर जाकर सरसों के तेल या तिल का दान करें। अब मंत्र जाप करना शुरू करें।

सुखद और सफल जीवन के लिए शनि का मंत्र- अपराधसहस्त्राणि क्रियन्तेऽहर्निशं मया। दासोऽयमिति मां मत्वा क्षमस्व परमेश्वर।। गतं पापं गतं दु:खं गतं दारिद्रय मेव च। आगता: सुख-संपत्ति पुण्योऽहं तव दर्शनात्।।

शनिदेव का वैदिक मंत्र है, ऊँ शन्नो देवीरभिष्टडआपो भवन्तुपीतये।

शनि देव का एकाक्षरी मंत्र-ऊँ शं शनैश्चाराय नमः।

साढ़ेसाती के प्रभाव से बचने का शनि मंत्र- ऊँ त्रयम्बकं यजामहे सुगंधिम पुष्टिवर्धनम। उर्वारुक मिव बन्धनान मृत्योर्मुक्षीय मा मृतात। ॐ शन्नोदेवीरभिष्टय आपो भवन्तु पीतये।शंयोरभिश्रवन्तु नः। ऊँ शं शनैश्चराय नमः। ऊँ नीलांजनसमाभासं रविपुत्रं यमाग्रजम्‌।छायामार्तण्डसम्भूतं तं नमामि शनैश्चरम्‌।

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