Significance of Kundli: शादी से पहले कुंडली की जांच क्यों करनी चाहिए? ज्योतिषी से पता करें
Significance of Kundli: मांगलिक आयोजन शुरू हो गए हैं, और शादी-ब्याह के लिए जोर-शोर से तैयारियां हो रही हैं
Significance of Kundli: मांगलिक आयोजन शुरू हो गए हैं, और शादी-ब्याह के लिए जोर-शोर से तैयारियां हो रही हैं। शादी करने वाले जोड़े एक-दूसरे के साथ जीवन भर रहने का वादा करते हैं, लेकिन कभी-कभी वे अलग हो जाते हैं। कुंडली दोष इसका सबसे बड़ा कारण माना जाता है। वडोदरा की प्रसिद्ध ज्योतिषी विजया राज ने शादी से पहले कुंडली मिलान का महत्व बताया है।
शादी से पहले ज्योतिषीय विश्लेषण का महत्व
ज्योतिषी विजया राज का कहना है कि कुंडली मिलान करके ही शादी करनी चाहिए। “अगर अरेंज मैरिज है तो माता-पिता खुद कुंडली मिलान करवाते हैं, लेकिन प्रेम विवाह में अक्सर युवक-युवतियां कुंडली मिलाने पर जोर नहीं देते,” उन्होंने कहा। ताकि हमारा दाम्पत्य जीवन सुखी और सफल हो, हमारे ग्रह और उनके ग्रह आपस में मेल खाना चाहिए।”
प्रेम विवाह में कुंडली का विश्लेषण कैसे करें?
विवाहित जोड़े खुद अपनी कुंडली का मिलान कर सकते हैं। उदाहरण के लिए, यदि किसी की राशि मेष है, तो वह 6, 8 और 12 तारीखों के बाद वाले लोगों से शादी नहीं करना चाहिए। 6वें भाव में कन्या, 8वें भाव में वृश्चिक या 12वें भाव में मीन राशि वाले व्यक्ति से शादी नहीं की जा सकती है क्योंकि ये सभी मेष राशि हैं। ऐसा करने से विवाह के बाद झगड़े और विवाद बढ़ सकते हैं।
मिलान विजया राज के अनुसार, किसी का नाम सिंह से शुरू होता है, तो उसका साथी मकर, मीन या कर्क राशि से नहीं होना चाहिए। शादी के बाद नाम बदलने का भी विकल्प है, जिससे कुछ हद तक अनुकूलता मिल सकती है।
गुरु दोष: नकारात्मक नहीं, बल्कि सकारात्मक
मंगल को कुंडली में होना हमेशा अशुभ नहीं होता; इसे सकारात्मक भी माना जाता है। जिन लोगों में मंगल है, उनमें अधिक ऊर्जा होती है, जो उन्हें दृढ़ और साहसी बनाता है। यह बेहतर है कि ऐसे लोग उसी ऊर्जा स्तर वाले व्यक्ति से शादी करें। यही कारण है कि जिस व्यक्ति की कुंडली में मंगल है, उसके जीवनसाथी की कुंडली भी मंगल होना चाहिए।