Sikhi Marriage: अकाल तख्त का बड़ा निर्णय, डेस्टिनेशन वेडिंग में गुरु ग्रंथ साहिब की परमिशन नहीं
Sikhi Marriage: अकाल तख्त का बड़ा निर्णय, डेस्टिनेशन वेडिंग में गुरु ग्रंथ साहिब
Sikhi Marriage: पांच सिंह साहिबान ने श्री अकाल तख्त साहिब पर कई निर्णय लिए हैं। इस बैठक में स्थानीय विवाहों पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगाया गया है। बैठक ने येह सिख को मर्यादा के खिलाफ बताया। अब कोई भी व्यक्ति श्री गुरु ग्रंथ साहिब का स्वरूप लेकर किसी बीच (समुद्र किनारे) या किसी वेडिंग डेस्टिनेशन पर अपने किसी परिवार के सदस्य का विवाह करने का आनंद नहीं ले सकेगा। जबकि श्री गुरु ग्रंथ साहिब के स्वरूप को मैरिज पैलेस में ले जाकर आनंद लेने पर पहले से ही प्रतिबंध लगा दिया गया है।
Sikhi Marriage: अकाल तख्त ने भी Sikhi Marriage में ‘आनंद कारज’ के लिए श्री गुरु ग्रंथ साहिब का ‘सरूप’ लेने पर प्रतिबंध लगाया है। पांच प्रमुख ग्रंथियों की बैठक, अकाल तख्त के जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह की अध्यक्षता में हुई, रिजॉर्ट या बीच पर शादी समारोह के दौरान श्री गुरु ग्रंथ साहिब का ‘सरूप’ लेने पर पूर्ण रोक लगाने का निर्णय लिया। जत्थेदार रघबीर सिंह ने कहा कि अकाल तख्त सचिवालय को इस संबंध में कई शिकायतें मिली हैं कि समुद्र किनारे या रिजॉर्ट में आराम करने के लिए लोग सिख मर्यादाओं का घोर उल्लंघन कर रहे हैं।
सिंह साहिबानों ने समलैंगिक विवाह को अवैध करार देते हुए गुरुद्वारा कलगीधर साहिब, कनाल कॉलोनी बठिंडा में दो लड़कियों के गुरु ग्रंथ साहिब की हजूरी में आनंद कारज करवाने के मामले में भी फैसला दिया है। इसके साथ ही विवाह करवाने वाली कमिटी को स्थायी रूप से नियंत्रण करने में असमर्थ ठहराया गया है। संगत को अमृतधारी प्रबंधक कमिटी चुनने का आदेश दिया गया है।
तबला वादक सतनाम सिंह, रागी सिकंदर सिंह, मुख्य ग्रंथी हरदेव सिंह और ग्रंथी अजायब सिंह को सिख मर्यादा की उल्लंघना के दोष में पांच साल के लिए ब्लैकलिस्ट किया गया। डेरा मुखी दर्शन सिंह के साथ अवैध संबंधों के मामले में भी जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह ने डेरा मुखी को अकाल तख्त साहिब के सामने पेश कर माफी मांगने के लिए कहा है। तब तक डेरा मुखी को कीर्तन करने की अनुमति नहीं है।
अगर वह कीर्तन करता हुआ दिखाई देता है, तो उसके खिलाफ मर्यादा के अनुसार कार्रवाई की जाएगी। इतना ही नहीं, अनुकूल को उससे मेल-मिलाप नहीं करने को कहा गया है।