Smoking Side Effects: धूम्रपान फेफड़ों और रीढ़ की हड्डी को भी नुकसान पहुंचा सकता है
Smoking Side Effects: धूम्रपान करना आपकी सेहत को कई तरीकों से खराब करता है। कम लोग जानते होंगे कि स्मोकिंग नर्वस सिस्टम से लेकर सर्कुलेटरी सिस्टम रेस्पिरेटरी सिस्टम के अलावा दिल से जुड़ी गंभीर समस्याओं की भी वजह बन सकता है। चलना-फिरना समय रहते ध्यान न देने पर दूभर हो सकता है। आइए इस बारे में विस्तार से जानें।
Smoking Side Effects: धूम्रपान करने की आदत बहुत खतरनाक है। दुनिया भर में इसके कारण हर साल 80 लाख से अधिक लोग मर जाते हैं। धूम्रपान विकलांगता सहित कैंसर की भी वजह बन सकता है। यहां तक कि स्पाइन हेल्थ पर भी असर हो सकता है। जो शरीर का आधा भार उठाता है। यही कारण है कि शरीर को स्वस्थ रखने के लिए रीढ़ की हड्डी स्वस्थ रहना बहुत महत्वपूर्ण है।
रीढ़ की हड्डी स्पाइनल कॉर्ड को सुरक्षा, स्थिरता और संतुलन प्रदान करती है। रीढ़ की हड्डी के आसपास के मसल्स और लिगामेंट्स समय के साथ कमजोर होते हैं, लेकिन नियमित व्यायाम, एक स्वस्थ आहार, और एक स्वस्थ जीवनशैली से रीढ़ की हड्डी स्वस्थ रह सकती है। कई कारणों से स्पाइनल हेल्थ प्रभावित होती है, जिनमें खराब मुद्रा, आनुवंशिकी, मोटापा, चोटें और धूम्रपान, जो स्थिति को गंभीर बना सकता है।
धूम्रपान से रीढ़ की हड्डी
धूम्रपान फेफड़ों को नुकसान पहुंचाता है, डॉ. आशीष डागर, स्पाइन सर्जरी कंसल्टेंट, मनीपाल हॉस्पिटल, गुरुग्राम। यह लत सांस की बीमारियों और कैंसर का खतरा बढ़ाता है, लेकिन बहुत कम लोग जानते होंगे कि यह रीढ़ की हड्डी पर भी बुरा प्रभाव डालता है। धूम्रपान करने से डिस्क घिस सकती हैं, हड्डियों का घनत्व कम हो सकता है और ब्लड सर्कुलेशन भी खराब हो सकता है। धूम्रपान करने से भी स्पाइनल स्टेनोसिस का खतरा बढ़ जाता है, जो समय रहते उपचार न मिलने पर स्पोंडिलोलिसिस का कारण बन सकता है। इस बीमारी के आम लक्षणों में पीठ दर्द, गर्दन दर्द और चलने-फिरने में परेशानी शामिल हैं।
रीढ़ की हड्डी की समस्याओं का उपचार
दवा
रीढ़ की हड्डी में मीडियम और हल्के पेन के लिए पेन किलर्स दी जाती हैं, लेकिन स्पाइनल स्टेनोसिस होने पर नॉनस्टेरॉइडल एंटी-इंफ्लेमेटरी दवाएं, एंटीडिप्रेसेंट और ओपिऑयड्स दी जा सकती हैं।
फिजिकल कार्य
रीढ़ की हड्डी को मजबूत और हेल्दी बनाए रखने के लिए शारीरिक व्यायाम बहुत फायदेमंद हैं। जिससे हल्के-फुल्के दर्द को काफी आराम मिलता है. हालांकि, अगर दर्द के चलते उठना-बैठना मुश्किल हो गया है, तो किसी भी तरह की एक्सरसाइज करने से पहले डॉक्टर से सलाह लें।
लाइफस्टाइल में परिवर्तन
रीढ़ की हड्डी को स्वस्थ बनाए रखने में मदद मिलती है, यदि आप अपने वजन को नियंत्रित करते हैं, बैलेंस डाइट लेते हैं, नियमित व्यायाम करते हैं और धूम्रपान नहीं करते हैं।
लेकिन अगर रीढ़ की हड्डी की समस्या को दूर करने में कुछ फर्क नहीं पड़ रहा है, तो डॉक्टर से मिलने में देरी मत करो। रीढ़ की हड्डी से जुड़ी इन समस्याओं को दूर करने के लिए पोस्टीरियर डिकंप्रेशन और फिक्सेशन फ्यूजन सर्जरी जैसे सर्जिकल प्रक्रियाएं की जाती हैं।