राज्यझारखण्ड

मुख्यमंत्री श्री हेमन्त सोरेन की अध्यक्षता में झारखंड राज्य सजा पुनरीक्षण पर्षद की 33वीं बैठक हुई।

मुख्यमंत्री श्री हेमन्त सोरेन: बैठक में राज्य के कई जेलों में आजीवन सजा काट रहे 37 कैदियों को रिहा किया जाएगा।

  • झारखंड राज्य सजा पुनरीक्षण पर्षद की पिछली बैठकों में आजीवन सजा काट रहे कैदियों के रिहाई से संबंधित अस्वीकृत मामलों सहित कुल 103 मामलों की समीक्षा की गई।

झारखंड राज्य सजा पुनरीक्षण पर्षद की बैठक आज मुख्यमंत्री श्री हेमन्त सोरेन की अध्यक्षता में कांके रोड, रांची स्थित मुख्यमंत्री आवासीय कार्यालय में हुई। बैठक में राज्य के कई जेलों में आजीवन सजा काट रहे 37 कैदियों को रिहा किया जाएगा। झारखंड राज्य सजा पुनरीक्षण पर्षद की पिछली बैठकों में अस्वीकृत किए गए कैदियों के मामलों के अलावा, बैठक में रिहाई से संबंधित नए मामलों पर भी चर्चा हुई। गृह मंत्रालय के अपर मुख्य सचिव श्री अविनाश कुमार, प्रधान सचिव गृह, कारा एवं आपदा प्रबंधन विभाग की श्रीमती वंदना दादेल, डीजीपी श्री अनुराग गुप्ता, झारखंड के कारा महानिरीक्षक श्री सुदर्शन प्रसाद मंडल, अपर विधि परामर्शी विधि विभाग श्री नीरज कुमार, प्रोवेशन पदाधिकारी श्री चंद्रमौली, एआईजी श्री तुषार रंजन गुप्ता, जेलर श्री मो० नसीम सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री श्री हेमन्त सोरेन ने बैठक में अधिकारियों के साथ बिंदुवार गहन चर्चा की कि राज्य सजा पुनरीक्षण पर्षद ने राज्य के विभिन्न जेलों में आजीवन सजा काट रहे 103 कैदियों को कारामुक्त करने का प्रस्ताव बनाया है। राज्य सजा पुनरीक्षण पर्षद ने प्रत्येक कैदियों की फाइल को गंभीरता से विचार किया। मुख्यमंत्री ने न्यायालयों, संबंधित जिलों के पुलिस अधीक्षकों, जेल अधीक्षकों और प्रोबेशन अधिकारियों से पूरी जानकारी ली, साथ ही कैदियों की अपराध की प्रवृत्ति की भी जानकारी ली। मुख्यमंत्री श्री हेमन्त सोरेन और अधिकारियों के बीच विचारोपरान्त 37 कैदियों को रिहा करने का निर्णय लिया गया।

रिहा हुए कैदियों को सरकारी कल्याणकारी कार्यक्रमों से जोड़ें: मुख्यमंत्री श्री हेमन्त सोरेन

मुख्यमंत्री श्री हेमन्त सोरेन ने अधिकारियों को आदेश दिया कि वे रिहा हुए कैदियों की आर्थिक, सामाजिक और पारिवारिक स्थिति की जांच करें। मुख्यमंत्री ने झारखंड के कारा महानिरीक्षक को आदेश दिया कि वे सभी रिहा हुए कैदियों का ट्रैक रिकॉर्ड रखें। जिलों के पुलिस अधीक्षकों और अन्य अधिकारियों द्वारा रिहा किए गए कैदियों का ट्रैक रिकॉर्ड रखना और सभी घटनाओं का निरंतर निरीक्षण करना चाहिए। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि रिहा हुए कैदियों को सरकारी कल्याणकारी कार्यक्रमों से जोड़ा जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि रिहा हुए कैदियों का जीवन यापन सुचारू रूप से चले, इसलिए उनके लिए आय सृजन की व्यवस्था करें। हम सभी की जिम्मेदारी है कि रिहा हुए कैदियों को मुख्यधारा से जोड़कर उन्हें सकारात्मक दिशा दें।

For more news: Jharkhand

Related Articles

Back to top button