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धामी सरकार ने लिए महत्वपूर्ण निर्णय, अब उत्तराखंड में होगा मेडिकल कॉलेज अस्पतालों में एक समान यूजर चार्ज

धामी सरकार ने राज्य के सभी राजकीय मेडिकल कॉलेजों और उनसे संबद्ध अस्पतालों में इलाज से जुड़े यूजर चार्ज को समान कर दिया है।

स्वास्थ्य सेवाओं को बढ़ावा देने के लिए धामी सरकार ने राज्य के सभी राजकीय मेडिकल कॉलेजों और उनसे संबद्ध अस्पतालों में इलाज से जुड़े यूजर चार्ज को समान कर दिया है। इस निर्णय से सभी अस्पतालों में पर्ची, बेड और एंबुलेंस के लिए एक ही दर लागू होगी। इससे स्वास्थ्य सेवाएं ज्यादा सुव्यवस्थित और पारदर्शी होंगी और मरीजों को इलाज के दौरान अनावश्यक वित्तीय असमानता का सामना नहीं करना पड़ेगा।

वर्तमान में प्रदेश में पांच राजकीय मेडिकल कॉलेज हैं: दून मेडिकल कॉलेज, हल्द्वानी मेडिकल कॉलेज, श्रीनगर मेडिकल कॉलेज, अल्मोड़ा मेडिकल कॉलेज और हरिद्वार मेडिकल कॉलेज। इस नई व्यवस्था में भी नव निर्मित रुद्रपुर और पिथौरागढ़ मेडिकल कॉलेजों के अस्पताल शामिल होंगे।

अमलीजामा पहनाया जाएगा

अब तक प्रदेश में मेडिकल कॉलेजों के अस्पतालों में इलाज के लिए अलग-अलग शुल्क निर्धारित थे, जिससे मरीज असमंजस में रहते थे। हर मेडिकल कॉलेज में ओपीडी, आईपीडी, बेड चार्ज, एंबुलेंस सेवा और पैथोलॉजी जांच की दरें अलग-अलग थीं, जिससे मरीजों को अधिक खर्च करना पड़ा। इस असमानता को दूर करने के लिए सरकार ने लंबे समय से एक समान दरों को लागू करने का प्रयास किया था, जो अब अमलीजामा नाम से जाना जाता है।

स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर राजेश कुमार ने कहा कि सभी राजकीय मेडिकल कॉलेजों में अब एक समान यूजर चार्ज लागू है। इसके अलावा, ओपीडी पर्ची 20 रुपए और आईपीडी पर्ची 50 रुपए होंगे। जनरल वार्ड पर 25 रुपए प्रति बेड, प्राइवेट वार्ड पर 300 रुपए और AC वार्ड पर 1000 रुपए प्रति बेड है। इसके अलावा, एंबुलेंस सेवा के लिए शुरुआती पांच किलोमीटर में 200 रुपए का किराया होगा, फिर 20 रुपए प्रति किलोमीटर।

कितनी लागत होगी?

धामी सरकार ने केंद्र सरकार की स्वास्थ्य योजना (CGHS) की दरों के अनुरूप मेडिकल कॉलेजों में एक्सरे, अल्ट्रासाउंड, सीटी स्कैन, एमआरआई और डायलिसिस जैसी महत्वपूर्ण जांचों के लिए शुल्क लगाए हैं। नई दरों के अनुसार, एक्सरे 133 रुपए, अल्ट्रासाउंड 570 रुपए, सीटी स्कैन 1350 रुपए, एमआरआई 2848 रुपए और डायलिसिस 1400 रुपए लगेंगे।

राजकीय मेडिकल कॉलेजों और उनसे जुड़े अस्पतालों में यूजर चार्ज से मिलने वाली राशि को आम लोगों की सेवाओं को बेहतर बनाने में खर्च किया जाएगा। सरकार ने फैसला किया है कि इस धन से निम्नलिखित कामों को पूरा किया जाएगा:

रैन बसेरों का निर्माण और मरम्मत: रोगियों और उनके परिवार के लिए नवीनतम रैन बसेरों का निर्माण किया जाएगा।

चिकित्सा क्षेत्र में अनुसंधान और शोध कार्य: चिकित्सा शिक्षा और अनुसंधान को बढ़ावा देने के लिए विशेष योजनाएं बनाई जाएंगी।

चिकित्सा अध्ययन करने वालों को प्रोत्साहन: मेडिकल कॉलेजों में अध्ययनरत छात्रों को शिक्षा और अनुसंधान के लिए विशिष्ट सुविधाएं मिलेंगी।

बाल रोग विभाग के अंतर्गत दुग्ध बूथ का निर्माण: छोटे बच्चों को बेहतर पोषण देने के लिए अस्पतालों में दुग्ध बूथों का निर्माण किया जाएगा।

दिव्यांग व्यक्तियों के लिए विशिष्ट सुविधाएं: दिव्यांग मरीजों के लिए अस्पताल में विशेष सुविधाएं होंगी।

पिंक शौचालयों की स्थापना: तीमारदारों और मरीजों के लिए सुविधाजनक पिंक टॉयलेट बनाए जाएंगे।

तुलनात्मक दरों पर सुविधाएं

सरकार के इस निर्णय से राज्य के मरीजों को बहुत राहत मिलेगी। अब सभी मेडिकल कॉलेजों में समान सुविधाएं और अलग-अलग अस्पतालों में अलग-अलग शुल्क चुकाने की जरूरत नहीं होगी। इससे स्वास्थ्य सेवाएं अधिक पारदर्शी होंगी और मरीजों के लिए अधिक किफायती होंगी।

उत्तराखंड सरकार ने पिछले कुछ समय में स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए हैं। स्वास्थ्य सेवाओं को दूरस्थ क्षेत्रों में मजबूत करने और टेलीमेडिसिन सेवाओं को बढ़ावा देने पर सरकार ने पहले जोर दिया था, वह अब मेडिकल कॉलेजों में भी लागू है। इससे मध्यमवर्गीय और गरीब मरीजों को काफी राहत मिलेगी।

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