शादी के अधूरे सपने दूल्हे ने पूरे किए! दुल्हन को ससुराल से हेलीकॉप्टर में ले जाया गया
विकास, हरियाणा के हिसार जिले के गांव नंगथला में रहता था, करीब एक महीने पहले फतेहाबाद के गांव बीघड़ में रहने वाली कंचन से शादी कर लिया था। दुल्हन को उस समय हेलीकॉप्टर में ले जाना था। उसने हेलीकॉप्टर भी बुक कर लिया था, लेकिन मौके पर पेमेंट देने वाले व्यक्ति ने हेलीकॉप्टर लाने से इनकार कर दिया। विकास को इसलिए अपनी दुल्हन को कार में ले जाना पड़ा। विकास के पिता सतबीर का मन वहीं टिस गया था। शुक्रवार को वह हेलीकॉप्टर में विकास का मुकलावा लेकर आया।
हेलीकॉप्टर देखने के लिए भीड़ उमड़ पड़ी।
हेलीकॉप्टर गांव में पहुंचा तो लोग भीड़ गए। हेलीकॉप्टर गांव में लगभग एक घंटे रहने के बाद चला गया। हेलीकॉप्टर पर गांववासी सेल्फी लेते दिखाई दिए। वहीं कुछ लोग हेलीकॉप्टर को कैमरे में कैद करने लगे।
15 दिसंबर को दोनों की शादी हुई।
सतबीर के बेटे विकास की शादी पिछले साल 15 दिसंबर को हुई थी। नंगथला से बारात फतेहाबाद जानी थी। दुल्हन को वहां से हेलीकॉप्टर में लाना था। हेलीकॉप्टर से फूलों की वर्षा देखने के लिए आसपास के गांवों के लोग हेलीकॉप्टर में दुल्हन को देखने के लिए बाट जोहते रहे, लेकिन हेलीकॉप्टर नहीं आया। दुल्हन और दूल्हा फिर कार से गांव लाए गए। सतबीर ने पहले ही अपने परिवार को बताया था कि वह अपनी पुत्रवधु को हेलीकॉप्टर से लाएगा, जो एक महीने के बाद हुआ भी। सरकारी स्कूल में यहां हेलीपेड बनाया गया था। हेलीकॉप्टर यहां उतरा।
इसे देखने के लिए एक भीड़ उमड़ पड़ी। विकास एक महीने बाद अपनी दुल्हन को हेलीकॉप्टर में ले गया। ग्रामीणों ने बताया कि उनके गांव में हेलीकॉप्टर पहली बार उतरा है। उन्होंने इससे पहले कभी हेलीकॉप्टर नहीं देखा था।
धुंध के कारण दोपहर को हेलीकॉप्टर
विकास के स्वजनों ने पहले से ही लड़की पक्ष के लोगों को सूचना दी थी। इसके लिए पहले से ही जिला प्रशासन से अनुमति ली गई थी। शुक्रवार सुबह हेलीकॉप्टर गांव बीघड़ पहुंचना था, लेकिन सुबह धुंध के कारण दोपहर 3 बजे के करीब पहुंचा।
विवाह के बाद दुल्हन को वापस लाना मुकलावा का मूल अर्थ है। यह बाल विवाह से शुरू हुआ था। उस समय, माता-पिता अपने बच्चों की शादी करते थे जब वे दो से छह साल के बीच होते थे। शादी के बाद दूल्हे का परिवार दुल्हन के बिना अपने घर वापस चला गया। यह आजकल नहीं होता, इसलिए दुल्हन को शादी के कुछ दिनों के बाद अपने परिवार से मिलने के लिए घर वापस आना फेरा कहते हैं। अब फेरे की अवधि के बाद दूल्हा अपनी पत्नी को घर ले जाने आता है, उसे मुक्लावा भी कहा जाता है।