मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि विद्यार्थी अनंत शक्ति का भंडार हैं, इसलिए उन्हें राष्ट्र निर्माण में सकारात्मक ऊर्जा से योगदान देना चाहिए।
केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण तथा ग्रामीण विकास मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान आज भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (आईएआरआई) के 63वें दीक्षांत समारोह में वर्चुअल रूप से उपस्थित हुए। NIIT का 63वां दीक्षांत समारोह भारत रत्न सी. सुब्रमणियम हॉल में हुआ। भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (IARI), जो हरित क्रांति का अग्रदूत रहा है, ने अपने उत्कृष्ट शोध, शिक्षा और विस्तार कार्यक्रमों के माध्यम से कृषि उत्पादन और उत्पादकता में लगातार वृद्धि की है। कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री श्री भागीरथ चौधरी और श्री रामनाथ ठाकुर, केंद्रीय कृषि सचिव और प्रभारी सचिव कृषि अनुसंधान शिक्षा विभाग (DARE), महानिदेशक, आईसीएआर श्री देवेश चतुर्वेदी, आईएआरआई के निदेशक डॉ. च. श्रीनिवास राव सहित कई विशिष्ट लोगों ने इस अवसर पर भाग लिया।
अपने संबोधन में, केंद्रीय कृषि मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने स्नातक और डॉक्टरेट डिग्री प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को बधाई दी और वैज्ञानिकों की खोज और नवाचार की सराहना की। उन्होंने कहा कि भारत की कृषि विकास दर विश्व में सबसे आगे है, जो 5% है। विद्यार्थी अनंत शक्ति का भंडार हैं, और उन्हें देश को बनाने में अपना योगदान देना चाहिए। उनका कहना था कि किसानों और भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान की मेहनत से देश अन्न भंडारों से समृद्ध हुआ है। श्री शिवराज सिंह ने कहा कि विद्यार्थियों को भारतीय कृषि की चुनौतियों का सामना करना चाहिए। साथ ही प्राकृतिक खेती, कृषि स्टार्टअप और नवाचार पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है। वैश्विक चुनौतियों को देखते हुए भारत को कृषि क्षेत्र में अग्रणी बनाने के लिए अनुसंधान को और अधिक बल देना होगा।
उनका कहना था कि शिक्षा के लिए कौशल चाहिए। उन्होंने विद्यार्थियों को कृषि उद्यमिता, नवाचार और स्टार्टअप की ओर प्रेरित किया। श्री चौहान ने कहा कि भारत में छोटे और सीमांत किसानों की संख्या अधिक है, इसलिए ऐसे नवाचारों की जरूरत है जो उनकी आय में वृद्धि करें। जैविक और प्राकृतिक खेती, जलवायु-लचीली खेती और सतत कृषि को बढ़ावा देना चाहिए। ताकि किसानों को अधिक लाभ मिल सके, आईएआरआई द्वारा विकसित तकनीकों को प्रयोगशालाओं से खेतों तक तेजी से पहुंचाना आवश्यक है। उन्होंने स्मार्ट खेती, उन्नत डिजिटल तकनीक और कृषि यंत्रों की भी सलाह दी।
राज्य मंत्री श्री भागीरथ चौधरी और श्री ठाकुर ने दीक्षांत समारोह में पांच एमएससी और पांच पीएचडी विद्यार्थियों को आईएआरआई मेरिट मेडल से सम्मानित किया। साथ ही, श्री रुद्र गौड़ा, डिवीजन ऑफ एंटोमोलॉजी में पीएचडी कर रहे छात्र, को आईएआरआई बेस्ट स्टूडेंट अवार्ड (नाबार्ड)-2024 मिल गया। डिवीजन ऑफ एग्रोनॉमी की एमएससी छात्रा सुश्री स्नेहा भारद्वाज को सर्वश्रेष्ठ एमएससी छात्र पुरस्कार दिया गया। डिवीजन ऑफ जेनेटिक्स के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. विग्नेश मुथुसामी को 2024 का डॉ. एच.के. जैन मेमोरियल युवा वैज्ञानिक पुरस्कार दिया गया। 28वां हुकर पुरस्कार (2022-23) डॉ. ज्ञान प्रकाश मिश्रा, प्रधान वैज्ञानिक और प्रमुख, एसएसटी, आईएआरआई, नई दिल्ली को दिया गया। 4वां नाबार्ड रिसर्चर ऑफ द ईयर-2024 डिवीजन ऑफ एग्रीकल्चरल एक्सटेंशन के वैज्ञानिक डॉ. गिरीश सिंह महरा को दिया गया। जिसमें विदेशी विद्यार्थी भी शामिल थे, समारोह में 399 विद्यार्थियों को स्नातकोत्तर और डॉक्टरेट की उपाधियाँ दी गईं।
इस मौके पर गेहूं, मक्का, चना, आम, मूंग और गेहूं की नई किस्मों का विमोचन हुआ। तीन प्रमुख प्रकाशनों का भी उद्घाटन हुआ।
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