मान सरकार का ऐतिहासिक कदम, गरीब बच्चों को प्राइवेट स्कूलों में 25% सीटें देना
पंजाब के विद्यार्थियों को अच्छी खबर मिली है। आपको बता दें कि पंजाब की भगवंत सिंह मान सरकार ने विद्यार्थियों को लेकर एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। मान सरकार की सरकार में आने के बाद से ही राज्य में स्कूली शिक्षा को बेहतर बनाने के लिए कई योजनाएं लागू की गई हैं, जिसका अब सकारात्मक प्रभाव देखा जा रहा है। पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान बच्चों को शिक्षा देने का अभियान चला रहे हैं. इसी क्रम में मान सरकार ने निर्णय लिया है कि आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों के बच्चों को अब निजी स्कूलों में दाखिला मिलेगा। मान सरकार की मंत्रिमंडल ने पंजाब नि:शुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा अधिकार नियम-2011 में संशोधन को भी मंजूरी दी है, जिसमें धारा 7 (01) को हटा दिया गया है।
मान सरकार के इस निर्णय से गरीबों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा भी प्राइवेट स्कूलों में मिलेगी, जो पहले से ही सरकारी स्कूलों में उपलब्ध है। शिक्षा का अधिकार अधिनियम कहता है कि आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के विद्यार्थियों के लिए सभी प्राइवेट स्कूलों में 25 प्रतिशत सीटें आरक्षित रहेंगी। लेकिन पिछली पंजाब सरकारों ने बनाए गए नियमों के कारण विद्यार्थियों को इस सुविधा का लाभ लेने से सीधे रोका गया था. पंजाब की भगवंत सिंह मान सरकार ने लिया गया इस ऐतिहासिक निर्णय से अब कमजोर और पिछड़े वर्गों के विद्यार्थियों पर लगी सभी बाधाएं हट जाएंगी, जिससे वे गुणवत्तापूर्ण शिक्षा पा सकेंगे।
पंजाब मंत्रिमंडल ने बजट सत्र के दौरान वर्ष 2025–26 के लिए बजट अनुमान प्रस्तुत करने को भी मंजूरी दी है। 26 मार्च को वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा बजट पेश करेंगे। मंत्रिमंडल ने वर्ष 2022–2023 के लिए कैग रिपोर्ट सदन में पेश करने को भी मंजूरी दी है।
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