चंडीगढ़ मेयर का इस्तीफा: सुप्रीम कोर्ट आज मेयर चुनाव में धांधली के मामले पर सुनवाई करेगा। चंडीगढ़ बीजेपी के मेयर मनोज सोनकर ने पहले ही इस्तीफा दे दिया है। रविवार रात दिल्ली में आम आदमी पार्टी (AAP) के तीन पार्षदों ने बीजेपी में शामिल हो गया। पूनम देवी, नेहा मुसावत और गुरचरणजीत सिंह काला बीजेपी में शामिल हैं। अब सभी को एक ही चिंता है: आगे क्या होगा? सुप्रीम कोर्ट दोबारा चुनाव करवाने का आदेश देता है तो किसकी जीत होगी? हर कोई सोच रहा है कि नया मेयर कौन होगा।हम आपको सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद क्या हो सकता है बताते हैं।
चंडीगढ़ के मेयर चुनाव में चुनाव अधिकारी अनिल मसीह पर धांधली करने के आरोप लगे थे। I.N.D.I.A गठबंधन के मेयर पद के उम्मीदवार कुलदीप कुमार टीटा ने उनके खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दी। सुप्रीम कोर्ट आज इस याचिका पर सुनवाई करेगा। ऐसे में, अगर न्यायालय उनके पक्ष में निर्णय देता है, तो चंडीगढ़ के मेयर के लिए दोबारा चुनाव होंगे। बीजेपी, कांग्रेस और आम आदमी पार्टी एक बार फिर से प्रतिस्पर्धा करेंगे।
इस बार किसका पलड़ा सबसे भारी है?
बीजेपी इस बार चंडीगढ़ मेयर चुनाव में विजयी होगी। क्योंकि बीजेपी ने आम आदमी पार्टी के तीन पार्षदों को अपनी पार्टी में जोड़ा, इससे उसका वोटों का आंकड़ा 18 हो गया है। अकाली दल का एक पार्षद वहाँ है। यही कारण है कि अगर वह भी बीजेपी को वोट देता है, तो ये संख्या 19 हो जाएगी। ऐसे में, अगर सुप्रीम कोर्ट मेयर चुनावों को दोबारा करवाने का निर्णय लेता है, तो भाजपा पूर्ण बहुमत से मेयर चुनाव जीत लेगी।
कौन नया मेयर बन सकता है?
बता दें कि चंडीगढ़ में मेयर की कुर्सी अनुसूचित जाति के लिए रिजर्व है। मनोज सोनकर के इस्तीफे के बाद अब आम आदमी पार्टी से आए तीन पार्षदों में से किसी एक को ये कुर्सी मिल सकती है। सूत्रों की मानें तो आम आदमी पार्टी को छोड़कर बीजेपी में आई पूनम देवी या नेहा मुसावत में से किसी एक को मेयर की कुर्सी मिल सकती है।
चंडीगढ़ नगर निगर में 35 पार्षद हैं। इसके अतिरिक्त, एक वोट सांसद का वोट है। इसलिए कुल 36 वोट हैं। हाल ही में, भाजपा इनमें से 18 वोट (एक सांसद और 17 पार्षद) के मालिक है। कांग्रेस के पास सात और आम आदमी पार्टी के पास दसवीं पार्षद हैं। ऐसे में गठबंधन को अब कुल 17 वोट मिल गए हैं। बहुमत के लिए उन्नीस वोट चाहिए। बीजेपी फिर से विजयी हो सकता है।