Central Pollution Control Board द्वारा एकत्रित निधियों का कम उपयोग
Central Pollution Control Board
Central Pollution Control Board: पर्यावरण संरक्षण शुल्क (ईपीसी) निधियों के अंतर्गत, 31 मई, 2024 तक, कुल अर्जित निधि 422.56 करोड़ रुपये है। इन निधियों में से, स्वीकृत परियोजनाओं के लिए 234.9 करोड़ रुपये निर्धारित किए गए हैं। इसमें 73.06 करोड़ रुपये की परियोजनाएं भी शामिल हैं, जिन्हें ओए संख्या 638/2023 में ओए संख्या 658/2023 के साथ माननीय एनजीटी के दिनांक 19 दिसम्बर, 2023 के आदेश के मद्देनजर स्थगित रखा गया है। यह भी बताया गया है कि इन परियोजनाओं के तहत 99.29 करोड़ रुपये की राशि वितरित की जा चुकी है। उपयोग के लिए 187.6 करोड़ रुपये की निधि उपलब्ध है। 187.6 करोड़ रुपये में से, 150 करोड़ रुपये का उपयोग एनसीएपी और एक्सवीएफसी के तहत वित्तपोषण रहित एनसीआर शहरों की शहर कार्य योजनाओं की गतिविधियों के कार्यान्वयन के लिए गैप फंडिंग सहायता के लिए किया जाना है। प्रस्ताव माननीय एनजीटी को इसकी सहमति प्राप्त करने के लिए प्रस्तुत किया गया है। 31 मई, 2024 तक पर्यावरण संरक्षण शुल्क (ईपीसी) निधि की स्थिति अनुलग्नक-I में दी गई है।
पर्यावरण मुआवजे (ईसी) के संबंध में, सीपीसीबी को 31 मार्च, 2024 तक एनजीटी ईसी 25 प्रतिशत खाते में कुल 126.76 करोड़ रुपये और एनजीटी ईसी 75 प्रतिशत खाते में बैंक ब्याज सहित 276.96 करोड़ रुपये जमा प्राप्त हुए हैं, इसमें से क्रमशः 31 मार्च, 2024 तक 46.25 करोड़ रुपये और 15.69 करोड़ रुपये जारी किए गए हैं। इसके अलावा, विशिष्ट मामलों में माननीय एनजीटी के आदेशों के अनुपालन में 23 विशिष्ट प्रयोजन खाते खोले गए हैं। 31 मार्च, 2024 तक इन खातों में जमा कुल राशि 176 करोड़ रुपये है, अर्जित ब्याज 17 करोड़ रुपये है और जारी की गई राशि 1.33 करोड़ रुपये है। 31 मार्च, 2024 तक पर्यावरण क्षतिपूर्ति (ईसी) निधि की स्थिति अनुलग्नक-II में दी गई है।
ईपीसी निधि के तहत वित्तपोषित परियोजनाओं या अध्ययनों की सूची (31.05.2024 तक) अनुलग्नक-III में दी गई है। वैज्ञानिक अध्ययनों के अलावा, वायु प्रदूषण को स्रोत पर कम करने के लिए जमीनी स्तर पर शमन उपायों के कार्यान्वयन के लिए ईपीसी निधियों के उपयोग पर विचार किया गया है और तदनुसार वित्तपोषण के लिए निम्नलिखित नए क्षेत्र जोड़े गए हैं:
- यूएलबी/एसपीसीबी की परियोजनाओं (सड़क निर्माण, फ़र्श, एंटी-स्मॉग गन (एएसजी) और मैकेनिकल रोड स्वीपर (एमआरएस) की खरीद, आदि) का वित्तपोषण
- धान की पराली आधारित पेलेटाइजेशन और टॉरफिकेशन प्लांट की स्थापना का वित्तपोषण
- सरकारी अस्पतालों में डीजी सेटों के रेट्रोफिटमेंट/उन्नयन का वित्तपोषण
- गैर-प्राप्ति शहरों में सूक्ष्म-स्तरीय कार्य योजनाओं के कार्यान्वयन के लिए गैप फंडिंग सहायता
- एनसीएपी और एक्सवीएफसी द्वारा वित्त पोषित नहीं किए गए एनसीआर शहरों की शहरी कार्य योजनाओं की गतिविधियों के कार्यान्वयन के लिए गैप फंडिंग सहायता। एनसीएपी मॉडल के अनुरूप 18 एनसीआर शहरों को वित्तीय सहायता प्रदान करने के लिए विस्तृत दिशा-निर्देश तैयार किए गए हैं। इन्हें माननीय एनजीटी को इसकी सहमति प्राप्त करने के लिए प्रस्तुत किया गया है।
ईपीसी निधि के अंतर्गत स्वीकृत परियोजनाओं और उपर्युक्त क्षेत्रों के आधार पर स्थगित रखे गए प्रस्तावों का विवरण अनुलग्नक-IV और अनुलग्नक-V में संलग्न है।
अनुलग्नक I, II, III, IV और V के लिए यहां क्लिक करें।
यह जानकारी पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन राज्य मंत्री श्री कीर्ति वर्धन सिंह ने आज राज्य सभा में एक लिखित उत्तर में दी।
source: https://pib.gov.in