केंद्रीय वाणिज्य श्री पीयूष गोयल ने भारत स्वच्छ प्रौद्योगिकी विनिर्माण प्लेटफॉर्म का शुभारंभ किया
श्री पीयूष गोयल: उत्पाद-संबद्ध प्रोत्साहन, सब्सिडी स्वच्छ ऊर्जा क्षेत्र के दीर्घकालिक विकास के लिए हानिकारक हैं
केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री श्री पीयूष गोयल ने नई दिल्ली में भारत जलवायु फोरम 2025 में भारत क्लीनटेक विनिर्माण प्लेटफॉर्म का शुभारंभ किया। यह पहल सौर, पवन, हाइड्रोजन और बैटरी भंडारण क्षेत्रों में भारत की स्वच्छ प्रौद्योगिकी मूल्य श्रृंखलाओं को बढ़ाने के लिए तैयार की गई है।
श्री पीयूष गोयल ने अपने संबोधन के दौरान इस बात पर प्रकाश डाला कि उत्पाद से जुड़े प्रोत्साहन (पीएलआई) और सब्सिडी स्वच्छ ऊर्जा क्षेत्र के दीर्घकालिक विकास और वृद्धि के लिए हानिकारक हैं। उन्होंने कहा कि पीएलआई योजना केवल इस क्षेत्र को गति देने में मदद कर सकती है, लेकिन स्वच्छ ऊर्जा क्षेत्र को आत्म-निर्भर बनने का प्रयास करना चाहिए। श्री गोयल ने आगे कहा कि स्वच्छ प्रौद्योगिकी क्षेत्र को सरकार से स्वतंत्र होना चाहिए।
श्री पीयूष गोयल ने कार्यक्रम में भाग लेने वालों से आग्रह किया कि वे नवोन्मेषी तरीके से सोचें और देश में विनिर्माण का पैमाना बढ़ाएं। उन्होंने कहा कि भारत स्वच्छ प्रौद्योगिकी विनिर्माण प्लेटफॉर्म के शुभारंभााभा से भारतीय फर्मों को सहयोग करने, सह-नवाचार करने का अवसर मिलेगा तथा वित्तपोषण, विचारों, प्रौद्योगिकियों और संसाधनों को साझा करने हेतु एक मंच प्रदान करने में सहायता मिलेगी। उन्होंने कहा कि इससे भारत को एक आकर्षक व्यवसायिक केस बनने तथा स्थायित्व और स्वच्छ प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में वैश्विक नेता बनने में मदद मिलेगी।
मंत्री महोदय ने आशा व्यक्त की कि फोरम के प्रतिभागी देश में 2030 तक 500 गीगावाट स्वच्छ ऊर्जा स्रोत स्थापित करने के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा निर्धारित लक्ष्य को हासिल करने में सक्षम होंगे। उन्होंने कहा कि भारत 2015 में संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन संबंधी फ्रेमवर्क कन्वेंशन (यूएनएफसीसीसी) और पेरिस समझौते में प्रस्तुत राष्ट्रीय स्तर पर निर्धारित योगदान (एनसीडी) को पूरा करने के मामले में सबसे अच्छा प्रदर्शन करने वाले देशों में से एक रहा है। हम अपने लक्ष्यों से काफी आगे हैं। हमने निर्धारित समय से 8 साल पहले 2022 तक नवीकरणीय या स्वच्छ ऊर्जा स्थापित करने का लक्ष्य हासिल कर लिया है। उन्होंने सूचित किया कि 200 गीगावाट स्वच्छ ऊर्जा स्थापित करने की उपलब्धि हासिल करने के बाद, हम 500 गीगावाट स्वच्छ ऊर्जा हासिल करने के लिए अच्छी तरह तैयार हैं। उन्होंने आगे कहा कि भारत के पास विश्व का सबसे बड़ा इंटरकनेक्टेड ग्रिड है।
जलवायु परिवर्तन की चुनौतियां भारत के लिए कोई नई बात नहीं है, उन्होंने कहा कि गुजरात सौर ऊर्जा को अपनाने वाले पहले राज्यों में से एक था। उन्होंने देश में सौर ऊर्जा की वहनीयता का श्रेय प्रधानमंत्री को दिया और उनके द्वारा पारदर्शिता अपनाने, ईमानदारी से नीलामी करने और समान प्रतिस्पर्धा प्रदान करने तथा कार्यान्वयन के पैमाने को उल्लेखनीय रूप से बढ़ाने को दिया। उन्होंने इस बात पर बल दिया कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार द्वारा नवीकरणीय ऊर्जा कार्यक्रम के लिए 3एस – गति, पैमाना और कौशल- को अपनाया गया।
source: http://pib.gov.in
For more news: India