
केन्द्रीय जलशक्ति मंत्री श्री सी.आर. पाटिल: उदयपुर में जल विजन 2047 के लिए राज्यों के जल मंत्रियों का द्वितीय राष्ट्रीय सम्मेलन
- मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने कहा कि नीति सतत विकास और जल संरक्षण पर केंद्रित है
केंद्रीय जल शक्ति मंत्री श्री सी.आर. पाटिल ने राजस्थान के उदयपुर में राज्य जल मंत्रियों के सम्मेलन में छत्तीसगढ़ में जल संचयन के लिए जनभागीदारी से किए जा रहे प्रयासों की प्रशंसा की। उनका कहना था कि छत्तीसगढ़ जल संरक्षण में देश में अग्रणी स्थान पर है और राज्य का नवाचार मॉडल दूसरे राज्यों के लिए प्रेरणादायक है। उन्हें यह भी बताया कि छत्तीसगढ़ में अब तक 2,29,000 से अधिक जल संग्रहण संरचनाओं का निर्माण हुआ है, जिससे जल संसाधनों का संवर्धन हो रहा है।
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा जल संरक्षण के लिए किए जा रहे प्रयासों को देश भर में सम्मानित किया गया है। छत्तीसगढ़ सरकार का लक्ष्य जल संरक्षण और सतत विकास है। राज्य सरकार प्राकृतिक संसाधनों को बचाने और अगली पीढ़ियों के लिए जल को सुरक्षित रखने के लिए लगातार काम कर रही है।
राज्य के उपमुख्यमंत्री श्री अरुण साव और जल संसाधन मंत्री श्री केदार कश्यप ने इस राष्ट्रीय स्तर के सम्मेलन में छत्तीसगढ़ का प्रतिनिधित्व किया। उपमुख्यमंत्री श्री अरुण साव ने सामुदायिक सहभागिता, जल संरचनाओं और राज्य में जल संग्रहण के लिए चलाए जा रहे कार्यक्रमों पर चर्चा की। उनका कहना था कि छत्तीसगढ़ में जल संरक्षण केवल सरकारी प्रयासों तक सीमित नहीं है, बल्कि एक जन आंदोलन का रूप ले चुका है, जिसमें शहरी और ग्रामीण लोगों की सक्रिय भागीदारी है।
अपने भाषण में, जल संसाधन मंत्री श्री केदार कश्यप ने छत्तीसगढ़ की सिंचाई क्षमता में वृद्धि और जल संग्रहण संरचनाओं के निर्माण के लिए निर्धारित लक्ष्यों पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने कहा कि भूजल स्तर में सुधार हुआ है और किसानों को सिंचाई के लिए जल उपलब्ध हो रहा है, इसलिए राज्य सरकार ने जल संचयन के लिए स्थायी संरचनाओं, लघु सिंचाई परियोजनाओं को प्राथमिकता दी है।
केंद्रीय जल शक्ति मंत्री श्री पाटिल ने छत्तीसगढ़ की निरंतर जल प्रबंधन नीति और सामुदायिक सहभागिता मॉडल की प्रशंसा करते हुए कहा कि यह राज्य देश भर में सर्वश्रेष्ठ अभ्यास बन गया है। उनका कहना था कि छत्तीसगढ़ की जल संरचनाएं सिर्फ पानी को बचाने तक सीमित नहीं हैं, बल्कि कृषि उत्पादन, ग्रामीण अर्थव्यवस्था और जल सुरक्षा को भी मजबूत करती हैं।
उन्हें यह भी कहा कि छत्तीसगढ़ के जल प्रबंधन मॉडल से अन्य राज्यों को प्रेरणा मिलनी चाहिए और अपनी नीतियों में जल संरक्षण को प्राथमिकता देनी चाहिए। श्री पाटिल ने यह भी कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा किए जा रहे प्रयासों को और अधिक मजबूत बनाने के लिए केंद्र सरकार हरसंभव सहयोग करेगी।
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