UP News: बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन के साथ करार को पांच साल का विस्तार, यूपी में स्वास्थ्य सेवाएं सुधरेंगी

UP News: उत्तर प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं को और बेहतर बनाया जाएगा। इसके लिए एक पांच साल का ब्लू प्रिंट बनाया गया है। गुरुवार को बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन (बीएमजीएफ) और सरकार के मध्य मेमोरेंडम ऑफ को-ऑपरेशन (एमओसी) का पांच साल का विस्तार एनेक्सी सभागार में हुआ।

UP News: उत्तर प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं को और बेहतर बनाया जाएगा। इसके लिए एक पांच साल का ब्लू प्रिंट बनाया गया है। गुरुवार को बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन (बीएमजीएफ) और सरकार के मध्य मेमोरेंडम ऑफ को-ऑपरेशन (एमओसी) का पांच साल का विस्तार एनेक्सी सभागार में हुआ। फाउंडेशन के पदाधिकारियों और उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक ने मध्य एमओसी प्राप्त किया। इस दौरान डिप्टी सीएम ने कहा कि प्रदेश की जनता को अच्छी स्वास्थ्य सेवाएं देना हमारी जिम्मेदारी है। प्रदेश सरकार और बीएमजीएफ मरीजों की मदद कर रहे हैं।

हस्ताक्षर समारोह में एमओसी को 11 जून से 10 जून 2029 तक बढ़ाया गया था। प्रदेश सरकार के निर्धारित लक्ष्यों और प्राथमिकताओं को पांच साल के लिए बढ़ाया गया यह अनुबंध पूरा करने में मदद करेगा। पाठक ने कहा कि हमने प्रदेश के अंतिम व्यक्ति तक गणवत्तापरक स्वास्थ्य सेवाएं देने का लक्ष्य तेजी से हासिल किया है।

उनका कहना था कि प्रदेश में 207 इंसेफेलाइटिस ट्रीटमेंट सेंटर्स (ETC) बनाए गए हैं। नवजात शिशुओं की आपातकालीन देखभाल और सिजेरियन डिलीवरी में भी सुधार हुआ है। ई-संजीवनी ऐप राज्य भर में टेली कंसल्टेशन सेवा को प्रदान करता है। इस सेवा का लाभ लगभग दो करोड़ मरीजों ने उठाया है। 85 प्रतिशत बच्चों का पूरा टीकाकरण इस वर्ष हुआ है। डप्टिी सीएम ने बताया कि राज्य स्वास्थ्य और परिवार कल्याण को बढ़ावा देने के लिए कई उपाय किए गए हैं। साथ ही, उन्होंने फाउंडेशन को सरकार की मदद करने के लिए धन्यवाद दिया।

राज्यमंत्री मयंकेश्वर शरण सिंह, प्रमुख सचिव पार्थसारथी सेन शर्मा, सचिव रंजन कुमार, एनएचएम की एमडी पिंकी जोएल, बीएमजीएफ इंडिया के हेड हरि मेनन, विशेष सचिव शिव सहाय अवस्थी, महानिदेशक स्वास्थ्य ब्रजेश राठौर, महानिदेशक परिवार कल्याण नरेंद्र अग्रवाल, बीएमजीएफ निदेशक डॉ. रजनी रंजीत वेद, बीएमजीएफ उप निदेशक डॉ. देवेंद्र सहित अन्य गणमान्य उपस्थित रहे।

उनका कहना था कि मातृ मृत्यु दर घटी है। जिला स्तर पर दवा गोदामों की स्थापना से आम जनता को दवा मिलने में आसानी हुई है। अब जापानी इंसेफेलाइटिस और दिमागी बुखार लोगों की मृत्यु का कारण नहीं बनते। स्वास्थ्य सेवाएं डिजिटल हो गई हैं। राज्य में 22,473 आयुष्मान आरोग्य मंदिर हैं। 43 जिलों में 403 ब्लॉकों में 204 स्वयं सहायता समूहों ने टेक होम राशन (टीएचआर) इकाइयां बनाई हैं। पीएमजेएवाई योजना के तहत राज्यभर में 5506 अस्पतालों को सूचीबद्ध किया गया है।

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