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UP News: ये योजना अयोध्या विधानसभा सीट को जीतने के लिए सीएम योगी ने बनाई, डिप्टी सीएम को सबसे  बड़ा टास्क दिया

UP News: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उत्तर प्रदेश में होने वाले विधानसभा उपचुनाव में खुद कांटों का ताज पहना है। मुख्यमंत्री योगी ने विकृत समीकरण वाली सीटों की जिम्मेदारी लेकर नेतृत्व दिखाया है। प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी और डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक को भी महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां दी गई हैं।

UP News: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उत्तर प्रदेश विधानसभा उपचुनाव में जीत हासिल करने के लिए बड़ी रणनीति बनाई है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बड़ी जिम्मेदारी दी है और भाजपा कोर कमेटी में शामिल चार अन्य नेताओं को उपचुनाव वाली दस विधानसभा सीटों में से दो-दो जीतने की जिम्मेदारी देकर बड़ा टास्क दिया है।

सीएम ने कटेहरी और मिल्कीपुर की विषम समीकरण वाली सीटों को खुद लेकर नेतृत्व दिखाया है। इन सीटों पर चुनाव जीतना भाजपा ही नहीं, कोर कमेटी के तीन प्रमुख नेताओं सीएम, डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक और प्रदेश भाजपा अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी के लिए भी कड़ी चुनौती मानी जा रही है।

मिल्कीपुर और कटेहरी सीटों का इतिहास

बीते तीन विधानसभा चुनावों के नतीजों को देखते हुए, इन तीनों नेताओं को छह सीटें मिली हैं, जो समीकरण के लिहाज से भाजपा के लिए मुफीद नहीं हैं। 2012 और 2022 में सपा ने मिल्कीपुर सीट जीत ली, लेकिन CM योगी ने सिर्फ 2017 में जीत हासिल की थी।

श्रीराम मंदिर की स्थापना से उत्पन्न परिस्थितियों के बावजूद, इस सीट से विधायक रहे अवधेश प्रसाद ने भाजपा को हराकर सांसद चुने गए हैं। कुर्मी बहुल कटेहरी सीट पर भी लगातार सपा-बसपा का ही कब्जा रहा है। इस सीट से लालजी वर्मा कई बार विधायक चुने गए हैं।

2022 में सपा से चुनाव जीतने के बाद वे अब सपा से सांसद हैं। भाजपा ने कटेहरी सीट पर 1991 में और मिल्कीपुर सीट पर 2017 में ही जीत हासिल की है। ऐसे में मुख्यमंत्री ने इन सीटों को जीतने की जिम्मेदारी लेकर सपा को एक बड़ी चुनौती दी है।

ब्रजेश पाठक का सबसे बड़ा टास्क

सीटों के समीकरण के अनुसार, डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक को सबसे कठिन टास्क मिल गया है। उनके पास सपा की परंपरागत सीसामऊ और करहल सीट है।ये दोनों सीटें भाजपा के लिए कभी मुफीद नहीं रहीं। 1991 से लगातार सपा का ही कब्जा रहा है। दोनों सीटों पर पार्टी को जीत दिलाना पाठक के लिए किसी अग्निपरीक्षा से कम नहीं है।

भूपेंद्र चौधरी की कुंदरकी सीट और मीरापुर भी समीकरण में जटिल हैं। भाजपा ने मीरापुर सीट पर सिर्फ 2017 में जीत हासिल की, लेकिन 2022 में रालोद ने जीत हासिल की। 1993 के बाद से भाजपा ने कुंदरकी सीट पर कभी जीत नहीं हासिल की है।

केशव और धर्मपाल की राह थोड़ी आसान है

भाजपा प्रदेश महामंत्री धर्मपाल और डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य का टास्क अन्य की तुलना में थोड़ा कठिन है। केशव की फूलपुर और मंझवा सीट और धर्मपाल की खैर और गाजियाबाद सीट पर भाजपा जीतती रही है।

बीते तीन विस चुनाव में चुनाव जीतने वाले दल

विधानसभा201220172022
मिल्कीपुरसपाभाजपासपा
कटेहरीसपाबसपासपा
माझवांबसपाभाजपानिषाद पार्टी
फूलपुरसपाभाजपाभाजपा
सीसामऊसपासपासपा
करहलसपासपासपा
मीरापुरबसपाभाजपारालोद
कुंदरकीसपासपासपा
खैररालोदभाजपाभाजपा
गाजियाबादबसपाभाजपाभाजपा

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