V.K. Singh ने कृषि उत्पादों के निर्यात में सहकारी सभाओं की महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर दिया

V.K. Singh: पंजाब के सुनिश्चित भविष्य के लिए सहकारी क्षेत्र की मजबूती समय की मांग

विशेष मुख्य सचिव एवं वित्त आयुक्त सहकारिता वी.के. सिंह (V.K. Singh) ने यहां कृषि उत्पादों के निर्यात को बढ़ावा देने में सहकारी सभाओं की महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर देते हुए कहा कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देना समय की जरूरत है, जो किसानों की तकदीर बदलने में महत्वपूर्ण होगी।

विशेष मुख्य सचिव (Special Chief Secretary) ने 71वें अखिल भारतीय सहकारी सप्ताह के उद्घाटन के बाद सभा को संबोधित करते हुए कहा कि स्वयं-सहायता समूहों के माध्यम से कृषि उत्पादों की कीमतों में वृद्धि सुनिश्चित करते हुए निर्यात को बढ़ावा देकर ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती देना सहकारी क्षेत्र की जिम्मेदारी है। मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान की पंजाब सरकार ने सहकारी क्षेत्र को मजबूत करने के लिए पहले से ही ठोस कार्रवाई की है। वी.के. सिंह ने कहा कि सहकारी क्षेत्र देश की जीवन रेखा है और स्वतंत्रता के बाद देश के सामाजिक-आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।

विशेष मुख्य सचिव ने कहा कि सहकारी क्षेत्र को किसानों को गेहूं और धान की फसली चक्री से बाहर निकालने में महत्वपूर्ण भूमिका निभानी चाहिए और कृषि उत्पादों की कीमतों में वृद्धि के माध्यम से किसानों को अपने उत्पाद बेचने के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए। उनका कहना था कि किसान अपने उत्पादों को कम कीमत पर बेच सकते हैं, खासकर दिल्ली (Delhi) की मंडियों में, जहां नकली सामान बेचे जाते हैं। वी.के. सिंह ने कहा कि सहकारी क्षेत्र को इस चुनौती को स्वीकार करना चाहिए ताकि किसानों को बड़े स्तर पर लाभ मिल सके।

विशेष मुख्य सचिव ने कहा कि सहकारी क्षेत्र अकेले यह काम नहीं कर सकता; कृषि, बागवानी और संबंधित अन्य विभागों को मिलकर काम करना चाहिए। उनका कहना था कि यह किसानों के लिए एक नए युग की शुरुआत होगी, जिसमें उल्लेखनीय विकास और सुख होगा। वी.के. सिंह  ने कहा कि इससे एक तरफ किसानों की आय में वृद्धि होगी और दूसरी तरफ लोगों को अगुणवत्तापूर्ण भोजन की आपूर्ति सुनिश्चित होगी।

विशेष मुख्य सचिव ने कहा कि भारत में सहकारी आंदोलन ने समाज के सभी वर्गों को, खासकर किसानों को, जो देश को खाद्यान्न उत्पादन में आत्मनिर्भर बनाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। उन्होंने कहा कि ऐसे कार्यक्रमों को पूरे उत्साह से मनाना समय की मांग है, ताकि सहकारिता आंदोलन को और बढ़ावा मिल सके और अधिक से अधिक लोगों की भागीदारी सुनिश्चित हो सके। वी.के. सिंह ने कहा कि अब हमारे सहकारी क्षेत्र को आगे बढ़ना चाहिए और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण योगदान देना चाहिए।

विशेष मुख्य सचिव ने कहा कि लोगों की प्रगति और ग्रामीण क्षेत्रों के व्यापक विकास के लिए यह बहुत जरूरी है। इस अवसर पर उन्होंने उम्मीद जताई कि राष्ट्रीय सहकारी सप्ताह के दौरान सप्ताह भर चलने वाले कार्यक्रम निश्चित तौर पर प्रदेश के गाँवों के लाखों लोगों को इस उत्कृष्ट सहकारी अभियान में शामिल होने के लिए प्रेरित करेंगे ताकि स्थायी और समावेशी लक्ष्य हासिल किए जा सकें। वी.के. सिंह ने कहा कि इस तरह के कार्यक्रमों के माध्यम से सहकारिता आंदोलन को और बढ़ावा देने की जरूरत है ताकि अधिक से अधिक लोगों को जमीनी स्तर पर शामिल किया जा सके।

उनका कहना था कि कार्यक्रम का दूसरा उद्देश्य सहकारिता आंदोलन से जुड़े अधिकारियों को अपनी जिम्मेदारियों को तन्मयता से निभाने के लिए जागरूक करना है। उनका कहना था कि अधिकारियों को समझना चाहिए कि पंजाब का उज्ज्वल भविष्य सहकारी क्षेत्र से ही बनेगा, जिसमें उनकी महत्वपूर्ण भूमिका है। वी.के. सिंह ने कहा कि अधिकारियों को इस आंदोलन को जमीनी स्तर पर मजबूत करना चाहिए ताकि बाद में उचित परिणाम मिल सकें।

सचिव सहकारिता अनिंदिता मित्रा ने अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा कि सहकारी क्षेत्र देश के सर्वांगीण विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। विशेष मुख्य सचिव वी.के. सिंह ने सहकारी क्षेत्र को जमीनी स्तर पर मजबूत करने में उनके बहुमूल्य योगदान की सराहना की। अनिंदिता मित्रा ने शिक्षा, समानता और भागीदारी की जरूरत पर जोर दिया कि सहकारी क्षेत्र का विस्तार और मजबूती होना चाहिए।

रजिस्ट्रार सहकारी सभाएँ पंजाब और सूचना एवं जनसंपर्क विभाग के निदेशक विमल कुमार सेठिया ने इस दौरान सहकारी क्षेत्र में किए जा रहे कामों की जानकारी दी। सहकारिता अधिकारी जसबीर सिंह ने इस अवसर पर सहकारिता पर लिखी एक पुस्तक का लोकार्पण किया।

इस अवसर पर रितु अग्रवाल, सहकारी सभा सचिव, एमडी मार्कफेड गिरीश दयालन, एमडी शुगरफेड सेनू दुग्गल और एमडी मिल्कफेड राहुल गुप्ता उपस्थित थे।

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