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Vastu Tips: ये किचन में रखी हुई चीजें घर में कंगाली लाती हैं: आज ही हटा दें

Vastu Tips: किचन में वास्तु दोष होने पर घर के लोगों को हमेशा पैसे की कमी होती है। वास्तु में खाना खाने के लिए कुछ खास नियम बताए गए हैं जिनका पालन करना अनिवार्य माना जाता है।

Vastu tips: वास्तुशास्त्र के अनुसार घर में प्रत्येक चीज और दिशा का विशिष्ट महत्व है। घर में वास्तु नियमों का पालन करने से सुख मिलता है, लेकिन इन नियमों का पालन नहीं करने से घर में कंगाली आती है।

वास्तु शास्त्र में किचन एक महत्वपूर्ण भाग है। इससे घर के लोगों का स्वास्थ्य और समृद्धि प्रभावित होता है। ज्योतिषशास्त्र के अनुसार, घर में कुछ चीजें नकारात्मक ऊर्जा पैदा करती हैं, जिससे आर्थिक तंगी आती है।

ये चीजें किचन में कभी नहीं रखें

  • किचन में खराब या टूटे-फूटे बर्तन नहीं  रखने चाहिए। ऐसे बर्तन नकारात्मक ऊर्जा का सूचक हैं। किचन में इनका उपयोग करने से ग्रहों की स्थिति खराब होती है। इससे धन की हानि होती है। टूटे हुए बर्तनों को तुरंत किचन से निकाल देना चाहिए।

    हमेशा किचन को साफ और स्वच्छ रखना चाहिए। मां लक्ष्मी को किचन में गंदगी और कूड़ा रखना नाराज करता था।जिससे घर में कंगाली आती है. रोजाना कूड़ा-कचरा बाहर फेंकें और किचन को साफ रखें.

  • चाकू वास्तुशास्त्र में नकारात्मक ऊर्जा का प्रतीक है। किचन में इन्हें खुले रखने से बहस और विवाद हो सकते हैं। इससे आर्थिक हालात भी खराब होते हैं। इसलिए चाकू को इस्तेमाल करने के बाद स्टैंड के अंदर डाल देना चाहिए।
  • किचन के नल से पानी टपकता है तो इसे ठीक करें। धन की बर्बादी का प्रतीक है नल से टपकता पानी। धन का नुकसान और आर्थिक तंगी इससे हो सकती है। टपकते नलों को तुरंत ठीक करा ले।
  • वास्तुशास्त्र कहता है कि किचन में कभी भी जूठा या बासी खाना नहीं होना चाहिए। घर में इससे निकलने वाली नकारात्मक ऊर्जा खराब करती है। इससे मां अन्नपूर्णा भी नाराज होती है
  • भोजन की बर्बादी को वास्तुशास्त्र में बहुत अशुभ माना जाता है। भोजन की बर्बादी से मां लक्ष्मी नाराज हो जाती हैं। धन हानि हो सकती है। यही कारण है कि जितना खा सकें उतना ही खाने की कोशिश करें।
  • किचन में कोई नकारात्मक चित्र या तस्वीर नहीं होना चाहिए। इससे उत्पन्न होने वाली नकारात्मक ऊर्जा समृद्धि और धन को बाधित करती है। भगवान की मूर्ति को किचन में भी नहीं रखना चाहिए। भगवान की मूर्ति केवल पूजा कक्ष में होनी चाहिए।

 

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