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Vijaya Ekadashi 2025: विजया एकादशी के व्रत में काम भूलकर भी न करें, वरना व्रत खंडित हो सकता है

Vijaya Ekadashi 2025: 24 फरवरी को विजया एकादशी का व्रत होगा। ऐसे में अगर आप भी एकादशी की पूजा करते हैं, तो इस दिन इन बातों का खास ध्यान रखें, नहीं तो आपका व्रत टूट सकता है।

Vijaya Ekadashi 2025: विजया एकादशी फाल्गुन महीने में मनाई जाती है। विजया एकादशी इस वर्ष 24 फरवरी को मनाई जाएगी। उल्लेखनीय है कि एकादशी व्रत भगवान विष्णु को समर्पित है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, एकादशी के दिन माता लक्ष्मी और प्रभु नारायण की पूजा करने से भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं और घर में सुख-समृद्धि का वास रहता है। एकादशी व्रत के कुछ नियमों का पालन करना बहुत जरूरी है अगर नहीं तो आपकी पूजा और व्रत असफल हो सकते हैं। विजया एकादशी के दिन आपको क्या नहीं करना चाहिए?

विजया एकादशी पर ये काम नहीं करें

तुलसी के पौधे को नहीं छूना चाहिए।

तुलसी भगवान विष्णु को पूजने के लिए आवश्यक है, लेकिन एकादशी के दिन तुलसी को स्पर्श करना वर्जित है। तुलसी माता का व्रत इस दिन है, इसलिए तुलसी को जल भी नहीं देना चाहिए। आप तुलसी के पास दीया जलाकर पूजा कर सकते हैं।

चावल नहीं खाना चाहिए

एकादशी व्रत में चावल या चावल से बनी कोई भी चीज खाना पूरी तरह से वर्जित है। ऐसे में विजया एकादशी के दिन चावल खाना बिल्कुल भी नहीं भूलना चाहिए। वरना आपका व्रत टूट सकता है।

इससे भी बचें

एकादशी के दिन चावल, पालक, उड़द दाल, गोभी और मसूर दाल को खाना वर्जित है। इस दिन लहसुन और प्याज भी नहीं खाना चाहिए। अगर नहीं, तो आपकी एकादशी पूजा असफल हो सकती है।

काले कपड़े नहीं पहनें

विजया एकादशी पर काले रंग के कपड़े नहीं पहनना चाहिए। इस दिन पीला रंग पहनना चाहिए। भगवान विष्णु को पीला रंग प्रिय माना जाता है।

विजय एकादशी 2025 का मुहूर्त और समय

  • एकादशी तिथि 23 फरवरी को दोपहर 1 बजे 55 मिनट पर शुरू होगी।
  • एकादशी तिथि 24 फरवरी को 1 बजे 44 मिनट पर समाप्त होगी।
  • 25 फरवरी को विजया एकादशी व्रत पारण: सुबह 7 बजे 1 मिनट से 9 बजे 21 मिनट तक

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