क्या है 10 लाख में से एक को होने वाली बीमारी, जो दंगल गर्ल की जान गई ?
16 फरवरी को दंगल फिल्म में काम कर चुकी 19 वर्षीय सुहानी भटनागर की इलाज के दौरान एम्स में मौत हो गई। सुहानी की मौत डर्मेटोमायोसाइटिस से हुई है। यह आत्म-रोग है। इस प्रकार की बीमारी में शरीर का इम्यून सिस्टम स्वस्थ कोशिकाओं को मार डालता है। 10 लाख में से किसी एक को होने वाली इस बीमारी में मसल्स इतनी कमजोर हो जाती हैं कि वह पूरी तरह से काम नहीं करती। यही कारण है कि मरीज को सांस लेने में परेशानी होने लगती है जब लंग्स या दिल की मसल्स कमजोर हो जाती हैं। यह बीमारी 95 प्रतिशत तक रिकवरी की संभावनाओं के बीच मौत का कारण भी बनती है।
पीड़ित के कंधे के मसल्स कमजोर हो जाते हैं।
डॉ. उमा कुमार, एमएस एक्सपर्ट, ने बताया कि इसके लक्षण में आमतौर पर कंधे के मसल्स कमजोर हो जाते हैं। इसमें दर्द होता है, जिससे मसल्स कमजोर हो जाते हैं। जैसे ही लक्षण दिखाई देते हैं, मरीज अपने बालों को कंघी तक नहीं कर पाते हैं। यह मरीज के दूसरे अंगों, जैसे दिल, लंग्स, खाद्य पाइप और सांस की नली के किसी भी मसल्स को धीरे-धीरे कमजोर करता है। जब मसल्स कमजोर होते हैं, तो वे सही काम नहीं कर सकते। जिससे बीमारी फैलती जाती है।
बीमारी का क्या कारण है?
डॉक्टर उमा ने बताया कि डर्मेटोमायोसाइटिस एक ऐसी ऑटोइम्यून बीमारी है जो किसी एक कारण से नहीं होती है। लेकिन यह अक्सर देखा जाता है कि वातावरणीय कारकों से प्रेरित होता है। जिससे ऐसे मरीज बार-बार बीमार हो जाते हैं। इस बीमारी की वजह स्मोकिंग, वायु प्रदूषण, दवा और खाद्य हैबिट हो सकती है। लाल रैशेज पेट, हाथ, पैर पर भी बनते हैं। डर्मेटोमायोसाइटिस से पीड़ित मरीजों को कैंसर का भी खतरा रहता है, इसलिए उनकी जांच भी जरूरी है।
लंबे समय तक चलता है मरीज की देखभालडॉक्टर ने कहा कि यह बहुत पैनिक नहीं है। बीमारी का इलाज लंबा होता है। इलाज के बाद ९५% मरीज आराम करते हैं। विभिन्न दवाएं उपलब्ध हैं। लेकिन इस बीमारी को समय पर पता लगाना महत्वपूर्ण है। डॉक्टर अक्सर नहीं जानते कि मरीज ऑटोइम्यून का शिकार है। यह इलाज करने वाले डॉक्टर पर निर्भर करता है।
यदि बाकी जांच में कुछ नहीं निकल रहा है, तो उन्हें इस ओर भी ध्यान देना चाहिए। उनका कहना था कि मरीज को वेंटिलेटर पर रखने की भी आवश्यकता होती है अगर उनके दिल की मसल्स या लंग्स कमजोर होते हैं। इससे कई मरीजों को लंग्स में इंफेक्शन होता है और निमोनिया से मरने का खतरा रहता है।