Ram Navami 2024 Kab hai: 2024 में राम नवमी कब होगा? शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और महत्व जानें
Ram Navami 2024 Kab hai: ज्योतिषियों के अनुसार, पूजा का शुभ समय सुबह 11 बजे 03 मिनट से दोपहर 1 बजे 38 मिनट तक है। वहीं मध्याह्न 12 बजकर 21 मिनट पर है। आसान शब्दों में, भगवान श्रीराम का जन्म दोपहर 12 बजकर 21 मिनट पर हुआ था। इसलिए साधक इस समय श्रीराम भगवान की पूजा कर सकते हैं।
Ram Navami 2024 Kab hai: राम नवमी प्रत्येक वर्ष चैत्र महीने की शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को मनाई जाती है। इसलिए 2024 में 17 अप्रैल को राम नवमी होगा। शास्त्रों के अनुसार, चैत्र महीने की शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम का जन्म हुआ था। इसलिए इस दिन रामनवमी मनाया जाता है। इस तिथि पर जगत की जननी मां दुर्गा की नौवीं शक्ति मां सिद्धिदात्री की पूजा भी की जाती है। भगवान श्रीराम का जन्म मध्याह्न में हुआ था। इसलिए राम नवमी तिथि पर दोपहर के समय भगवान श्री राम की पूजा की जाती है।
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, भगवान श्री राम की पूजा करने से कोई व्यक्ति हमेशा के लिए दुख और संकट से बच जाता है। साथ ही भगवान श्रीराम का आशीर्वाद मिलता है। आइए जानते हैं राम नवमी की पूजा-विधि और शुभ मुहूर्त:
Ram Navami 2024: शुभ मुहूर्त
चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि 16 अप्रैल को दोपहर 01 बजकर 23 मिनट पर शुरू होगी और 17 अप्रैल को दोपहर 03 बजकर 14 मिनट पर समाप्त होगी, जैसा कि पंचांग है। सनातन धर्म मानता है कि उदया तिथि है। इसलिए 17 अप्रैल को राम नवमी होगा।
Ram Navami 2024: पूजा समय
राम नवमी तिथि पर पूजा करने का सबसे अच्छा समय ज्योतिषियों के अनुसार सुबह 11 बजकर 03 मिनट से दोपहर 1 बजकर 38 मिनट तक है। वहीं, मध्याह्न 12 बजकर 21 मिनट है। आसान शब्दों में, भगवान श्रीराम का जन्म दोपहर 12 बजकर 21 मिनट पर हुआ था। इसलिए साधक इस समय श्रीराम भगवान की पूजा कर सकते हैं।
Ram Navami 2024: पूजा की प्रक्रिया
चैत्र मास की शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को ब्रह्म मुहूर्त में उठकर सबसे पहले भगवान श्रीराम और माता जानकी को प्रणाम कर दिन शुरू करें। घर साफ करें। द्वार पर आम के पत्ते का तोरण लगाएं। साथ ही चित्र बनाएं। इस दिन झंडा फहराया जाता है। इसलिए पूजा की पूरी तैयारी करें। तब मध्यान पूर्व गंगा जल से स्नान करें। अब अंजलि में जल लेकर आचमन करें और व्रत संकल्प लें। रामनवमी पर पीला रंग का नया कपड़ा पहनें।
इसके बाद भास्कर को जल दें। बाद में, पूजा गृह में एक चौकी पर लाल रंग या पीले रंग का कपड़ा बिछाकर राम परिवार की प्रतिमा रखें। अब भगवान का ध्यान करने के लिए पहले आवाहन मंत्र का उच्चारण करें। विधि-विधान से पंचोपचार कर भगवान श्रीराम, माता जानकी, लक्ष्मण जी और हनुमान जी की पूजा करें। पूजा करते समय श्रीराम की चालीसा और उसका स्त्रोत पढ़ें। अंत में आरती करके भगवान श्रीराम से धन, सुख और समृद्धि की कामना करें। पूजा, आरती और भोजन करें।