कौन हैं डीयू की पूर्व प्रोफेसर डॉ. ऋतु सिंह, जो 125 दिनों से धरना दे रहे हैं?
दिल्ली विश्वविद्यालय में पूर्व प्रोफेसर डॉ. ऋतु सिंह को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। पिछले कुछ दिनों से वह दिल्ली विश्वविद्यालय में धरना दे रही थीं। दिल्ली पुलिस ने गर्मियों के सहयोगियों को भी गिरफ्तार किया है। माना जाता है कि पूर्व प्रोफेसरों ने कुछ मांगों को लेकर धरना दिया था। वीसी कार्यालय को बंद करने के लिए प्रदर्शन कर रहे हैं। ऋतु सिंह कौन हैं और डीयू में उनका प्रदर्शन क्यों हुआ? आइए बताओ।
डॉ. ऋतु सिंह कौन हैं?
आप सभी से अपील न्याय की इस लड़ाई में साथ दे 🙏✊🏻🤝
"ARREST or SHUTDOWN: Our Voices Won't be Silenced!"
No more Institutional Murder
अब और Rohit Vemula नही!
🔒🔑खोले जाएंगे VC OFFICE के ताले
Date – 19 January 2024
Time – 10:00 AM
Venue – Arts Faculty Gate number 4 D.U pic.twitter.com/O18PWx3c5G— Dr Ritu Singh (@DrRituSingh_) January 7, 2024
प्राप्त जानकारी के अनुसार, डा. ऋतु सिंह एक दलित प्रोफेसर हैं। वह दिल्ली विश्वविद्यालय के दौलत राम कॉलेज में साइकॉलोजी विभाग में एडहॉक प्रोफेसर थीं। डीयू ने उन्हें नौकरी से निकाल दिया। उनका कहना है कि डीयू प्रशासन ने उनके साथ भेदभाव किया क्योंकि वे दलित हैं। चार साल पहले दौलत राम कॉलेज की प्रिंसिपल सविता रॉय पर ऋतु सिंह ने गंभीर आरोप लगाए थे।
डॉ. ऋतु सिंह पिछले 125 दिनों से दिल्ली विश्वविद्यालय में धरना दे रहे हैं। “आप सभी से अपील है कि इस न्याय की लड़ाई में साथ दें,” उन्होंने ट्विटर पर लिखा।”भले ही गिरफ्तार कर लो लेकिन हमारी आवाज नहीं दबा सकते”, उन्होंने लिखा। अब संस्थागत हत्याएं नहीं होंगी। रोहित वेमुला अब नहीं है। वीसी कार्यालय के ताले खोले जाएंगे।ऋतु ने लोगों को इस प्रदर्शन में भाग लेने का आह्वान किया। 19 जनवरी को प्रदर्शन करने के लिए तैयार थीं।
दिल्ली पुलिस @DrRituSingh_ और उनके साथियों को बस में भरकर ले जाते हुए। देश की राजधानी में दलितों के साथ ऐसा सलूक हो रहा है।
DU के बाहर 125 दिन से धरना दे रही दलित प्रोफेसर ऋतु सिंह को दिल्ली पुलिस ने धरने से जबरन हटाया।
शांतिपूर्ण प्रतिरोध लोकतंत्र में हर नागरिक का हक़ है।… pic.twitter.com/NhggYnOm0w— Manraj Meena (@ManrajM7) January 9, 2024
जातिगत भेदभाव का आरोप: ऋतु सिंह ने दिल्ली विश्वविद्यालय पर जातिगत भेदभाव का आरोप लगाया। उनका दावा था कि वे जातिगत भेदभाव के कारण नौकरी से निकाल दिए गए। करीब एक साल तक वह असिस्टेंट प्रोफेसर थीं। 2020 में, उन्होंने प्रिंसिपल की बर्खास्ती के विरोध में धरना दिया था। मामला कोर्ट में है। वहीं, ऋतु सिंह ने अपने समाज के सदस्यों से उनका साथ देने का आह्वान किया। एक वीडियो में उन्होंने कहा, “मैं अपने समाज के लोगों से अपील करती हूं कि मेरा साथ हैं, हम अपने बच्चों का साथ नहीं देते इसलिए ऐसा होता है।” अब हमारे सिर पर छत भी नहीं है, हमें यहां से भी हटाया जा रहा है।’
इस मामले में राजनीति भी शुरू हो गई है, जो अब सोशल मीडिया पर ट्रेंड कर रहा है। यूथ कांग्रेस के नेता श्रीनिवास वीएस ने ट्विटर पर लिखा, “दिल्ली विश्वविद्यालय की निलंबित प्रोफेसर डॉ ऋतु सिंह करीब 125 दिनों से ‘न्याय’ की आस लगाकर धरने पर थी, लेकिन एक दलित बेटी की पुकार सुनने की जगह उसे गिरफ्तार किया गया।” क्या इस नए भारत में ‘दलित’ और ‘बेटियों’ के लिए कोई स्थान नहीं है?कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कृष्ण मोहन शर्मा ने भी ऋतु सिंह का समर्थन किया। रिटायर्ड IAS सूर्य प्रताप सिंह ने लिखा, “दिल्ली पुलिस ने 125 दिन से DU के बाहर धरना दे रही दलित प्रोफेसर ऋतु सिंह को धरने से जबरन हटाया।” लोकतंत्र में हर नागरिक को शांतिपूर्ण प्रतिरोध करने का अधिकार है।