‘CM के दबाव में किया जा रहा काम’, पूर्व अकाली मंत्री मजीठिया ने SIT के सामने तीसरी बार पेश हुए।
SIT आज पूर्व अकाली मंत्री बिक्रम सिंह मजीठिया को ड्रग्स मामले में पेश किया। 31 दिसंबर को एडीजीपी मुखविंदर सिंह छीना, SIT का इंचार्ज, रिटायर होने से पहले मजीठिया के बयान दर्ज किए जाएंगे। 27 दिसंबर को मजीठिया को पेश होना था। बाद में, मजीठिया ने दस्तावेजों को एकत्रित नहीं होने का आरोप लगाया।
शनिवार को बारादरी में एडीजीपी मुखविंदर सिंह छीना के कार्यालय में पहुंचे पूर्व अकाली मंत्री बिक्रम सिंह मजीठिया, जो ड्रग्स केस में स्पेशल इन्वेस्गीटेशन टीम (SIT) की पेशियां भुगत रहे थे। मजीठिया की गिरफ्तारी की संभावना पहले से ही चर्चा में थी।
SIT और सिट इंचार्ज सरकार के दबाव में काम कर रहे हैं, उन्होंने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा। उन्हें लगभग 4:30 घंटे की पूछताछ के बाद मजीठिया छोड़ दिया गया।
बिक्रम सिंह मजीठिया ने कहा कि एडीजीपी छीना की रिटायरमेंट की पार्टी को लेकर समय रखा गया है, लेकिन उन्हें पेशी पर बुलाया गया है। मजीठिया ने कहा कि एडीजीपी छीना को कोई दबाव देकर काम कर रहे हैं।
वह पहले ही स्पष्ट कर चुके हैं कि वह कानून का पालन करेंगे, न कि केजरीवाल की तरह कानून से भागेंगे। सिट को जितनी बार फोन किया गया है, वह आया है। हाईकोर्ट से अग्रिम जमानत मिलने के बावजूद सिट उन्हें बेवजह पेशी पर बुला रहा है।
झूठ बोलने के आरोप लगाए
18 दिसंबर को बिक्रम सिंह मजीठिया ने बताया कि सिट ने उनसे सात घंटे पूछताछ की थी। कैमरे के सामने ही उनसे बातचीत हुई थी, और कैमरे ने पुष्टि की कि उन्होंने सिट अधिकारियों को बताया था कि वह शहीद जोड़ मेल के दिनों में किसी भी परिस्थिति में उपस्थित नहीं हो सकते। लेकिन सिट ने उन्हें 27 दिसंबर को पेश होने के लिए बुलाया था।
वह कानून पर भरोसा करते हुए सच के साथ डटे हुए हैं और किसी भी जांच कमेटी से घबराते नहीं हैं। अकाली दल के प्रवक्ता व लीगल विंग के मुख्य वकील अर्शदीप सिंह कलेर ने आरोप लगाते हुए कहा कि सीएम भगवंत मान और डीजीपी गौरव यादव को स्पष्ट करें कि पूर्व अकाली नेता उपकार सिंह संधू को धक्केशाही करने और झूठा बयान देने के लिए क्यों बाध्य किया जा रहा है।
पहली पेशी 7 घंटे चली
18 दिसंबर को बिक्रम सिंह मजीठिया के खिलाफ जांच कर रही SIT ने अपना पहला नोटिस पेश करने के लिए जारी किया था। मजीठिया अपने बहुत से समर्थकों के साथ पेशी पर एडीजीपी ऑफिस के बाहर पहुंचे थे। सिट के अधिकारियों ने ससुराल मजीठिया से लगभग सात घंटे तक पूछताछ की थी, जबकि उनके समर्थक बाहर पूरे दिन इंतजार करते रहे।