हरादून: भारत से सटी चीन और नेपाल की सीमा अब बिजली से जगमगा उठेगी। यूपीसीएल यहां बिजली का नेटवर्क स्थापित कर रहा है। इसके लिए केंद्र सरकार को 375 करोड़ रुपए का प्रस्ताव भेजा गया है। चीन और नेपाल की सीमा पर आइटीबीपी, सेना और एसएसबी के बॉर्डर पोस्ट हैं। अभी तक सीमा पर डटे इन जवानों के लिए रोशनी का एकमात्र साधन सोलर लाइट या मिट्टी के तेल से चिमनी जलाना है।
इस सीमा पर आईटीबीपी के 41 और सेना के 2 बॉर्डर हैं, जबकि चंपावत जिले में एसएसबी की छावनी है। सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण इस स्थान पर अभी तक बिजली की लाइन नहीं है। अब अंतरराष्ट्रीय महत्व को देखते हुए यहां सड़कों का नेटवर्क तो मजबूत हो ही रहा है साथ ही सरकार बिजली का नेटवर्क भी बनाने जा रही है। उत्तरकाशी, धारचूला, चंपावत में जल्द ही यूपीसीएल की बिजली लाइन पहुंच जाएगी। इसके लिए यूपीसीएल के द्वारा 375 करोड़ रुपए की डीपीआर बनाकर पावर फाइनेंस कॉरपोरेशन को भेज दिया गया है।
निर्माण से जुड़ी काम में आएगी तेजी
सीमा पर बिजली पहुंचाने से यहां सेना और आईटीबीपी के चेक पोस्ट तो रोशन हो ही जाएंगे, साथ ही यहां होने वाले अन्य प्रकार के निर्माण कार्यों को भी गति मिलेगी। बिजली का इस्तेमाल और आपूर्ति आसानी से हो सकेगी।