दिल्ली के बाजारों में वसूली का खेल
दिल्ली के बाजारों में वसूली का खेल: एमसीडी और पुलिस बलों की उपस्थिति के बावजूद दिल्ली की सड़कों पर इतनी अवैध कब्जा क्यों है? मिनटों की दूरी पर अक्सर घंटों क्यों लगते हैं? एनबीटी रिपोर्टर ने दिल्ली के एक बाजार में यह पता लगाने के लिए स्टिंग ऑपरेशन किया। इसमें चौंकाने वाली जानकारी मिली। सिर्फ एक बाजार में प्रतिदिन 15 लाख रुपये की अवैध वसूली का खेल की आशंका है। पाठक आसानी से पूरी दिल्ली के सभी बाजारों का क्या हाल होगा समझ सकते हैं।
सड़क पर दुकान लगाने के एवज में एक पटरी दुकानदार ने 300 रुपये देने का खुलासा किया है। इसके अलावा, इस बाजार की सड़क पर लगभग 5000 दुकानें हैं। दुकानदार से बातचीत के आधार पर अभिषेक गौतम की खास रिपोर्ट..।
रिपोर्टर: दुकानदार ने यहाँ ठेला लगाने के लिए कितना भुगतान किया? बहुत महंगा है रिपोर्टर- फिर भी, एक दिन का कितना है दुकानदार- एक दिन का 300 रुपये लेता है रिपोर्टर- कितनी जगह मिलती है दुकानदार- कितना क्या, छोटी सी मिलती है
रिपोर्टर—यह पैसा पुलिस या एमसीडी को दुकानदार देता है— एमसीडी, पुलिस सबको जाता है
रिपोर्टर- 300 रुपये हर दिन दुकानदार- हां रिपोर्टर- हम भी लगाना चाहें तो किससे मिलें दुकानदार- थोड़ा मुस्कुराकर दुकानदार चुप हो गया।
रविवार को ही नहीं, सदर बाजार में वसूली का खेल अवैध दुकानदार सड़क पर पूरे हफ्ते दुकान लगाते हैं। जिन लोगों की खुद की दुकानें हैं, उनके सामने की सड़क पर सामान बेचने के लिए एक दिन या एक महीने का रेट निर्धारित किया गया है, सूत्रों ने बताया। यदि कोई पैसे देने से इनकार करता है, तो उसे बाहर निकाल दिया जाएगा। दिवाली के कारण यहां अधिक भीड़ होगी, जिससे जाम की समस्या बढ़ सकती है।
रविवार को सदर बाजार बंद रहता है, बाजार के शटर डाउन और सड़क पर दुकानें नहीं होंगी। यहां की सड़क तड़के ही सज जाती है, हालांकि दुकानों के शटर बंद हैं। जहां सुई से लेकर सजावट के सामान, कॉस्मेटिक सामान, खिलौने, कपड़े, चाइनीज रोशनी और बहुत कुछ सस्ता होता है रविवार को सड़क पर लगभग 5000 दुकानें होने से पैदल चलना भी मुश्किल हो जाता है, सूत्रों ने बताया। कुतुब रोड, तेलीवाड़ा, मिठाई पुल और रुई मंडी में सबसे अधिक अवैध कब्जे हैं। प्रशासन रविवार को कोई विशेष अभियान नहीं चलाता। ऐसे में जाम का सामना करना पड़ता है।
महिलाएं भीड़ में बैड टच की शिकार होती हैं, जब त्योहारी सीजन शुरू होता है, दूर-दूर से महिलाएं सदर बाजार में सस्ता सामान खरीदने आती हैं। महिलाएं भी अतिक्रमण और भीड़भाड़ से पीड़ित हैं। रविवार को पड़ताल के दौरान नोएडा से शॉपिंग करने आई एक लड़की ने कहा कि लोग भीड़ का फायदा उठाकर गलत तरीके से छू रहे हैं। महंगा है, लेकिन मैं अब बाहर से ही शॉपिंग करूँगा। वहीं, अधिक भीड़ के कारण यहां जेबकतरे भी काम कर रहे हैं। व्यापारियों का कहना है कि हर दिन दर्जनों जेब कटने के मामले सामने आ रहे हैं। इसके बावजूद यहां पुलिस नहीं दिखी।