दिल्ली विधानसभा विशेष सत्र हंगामेदार रहेगा, सवाल पूछने का मौका मिलेगा

दिल्ली विधानसभा का विशेष सत्र

अगला दिल्ली विधानसभा सत्र बहुत अलग होने वाला है। यह इस साल के बजट सत्र के बाद विधानसभा का पहला सत्र होगा जिसमें प्रश्नकाल होगा। ऐसे में लंबे समय बाद दोनों पक्षों को सरकार से सवाल पूछने का मौका मिलेगा। सदन की बैठक में नियम 280 के तहत विशेष उल्लेख के मामले भी प्रस्तुत किए जाएंगे। साथ ही कुछ अल्पकालिक विषयों पर चर्चा भी होगी। सत्ता पक्ष और विपक्ष के तीखे संघर्षों को देखते हुए, यह सत्र भी बहुत हंगामेदार होगा।

दिल्ली सरकार ने 15 दिसंबर से दिल्ली विधानसभा का विशेष दो दिवसीय सत्र आहूत किया है। 15 और 18 दिसंबर को इस समय सदन की दो बैठकें होंगी। सदन की ये बैठकें सातवीं विधानसभा के चौथे सत्र के चौथे भाग के रूप में बुलाई गई हैं, न कि विधानसभा के “शीतकालीन सत्र” के रूप में। जरूरत पड़ने पर सत्र की अवधि बढ़ा दी जाएगी। इस सत्र में सबसे विशिष्ट बात यह है कि यह सदन बैठक शुरू होने से 15 दिन पहले घोषित किया गया था। ऐसे में अब इस सत्र में प्रश्नकाल भी नियमों के अनुसार आयोजित किया जा सकेगा। इससे विपक्ष अक्सर सरकार पर सवाल उठाता हैऔर सरकार पर प्रश्नों से बचने का आरोप लगाता रहा है। विपक्ष अभी भी असंतुष्ट है।

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10 ही प्रश्न पूछे जाएंगे

दिल्ली सरकार में 30 से अधिक महत्वपूर्ण विभाग हैं, बकौल नेता विपक्ष रामवीर सिंह बिधूड़ी। एक दिन में अधिकतम पांच सवाल नहीं लिए जाएंगे। यही कारण है कि दो दिन के सत्र में केवल दस प्रश्न पूछे जा सकेंगे। सरकार को सभी विभागों से संबंधित सवाल पूछने के लिए कम से कम दस दिन का बैठक तो बुला लेना चाहिए था, क्योंकि सरकार के इतने विभाग हैं। सरकार ने दो दिन का सत्र बुलाकर एक बार फिर स्पष्ट कर दिया कि वह प्रश्नों का सामना करने को तैयार नहीं है।अब देखना होगा कि सत्र के दौरान विपक्ष के कितने प्रश्न उठाए जाएंगे।

दिल्ली  विधानसभा अध्यक्ष रामनिवास गोयल ने कहा कि सरकार सत्र की अवधि निर्धारित करती है, लेकिन अगर विपक्ष हंगामा नहीं करता तो एक दिन में दस या पंद्रह सवाल भी पूछे जा सकते हैं। यह विपक्ष की मंजूरी पर निर्भर करेगा। इसके अलावा, प्रश्नकाल की कार्रवाई स्टार प्रश्नों के लिए लॉटरी में कितने विधायकों के नाम निकलते हैं और फिर कितने अनस्टार प्रश्न बचते हैं, उसके आधार पर निर्धारित की जाएगी।मार्च में बजट सत्र के दौरान पहले भी प्रश्नकाल आयोजित किया गया था।

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