नई दिल्ली: गुजरात के धोलेरा स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट में पैसा इनवेस्ट कर मोटी कमाई करने का लालच दिया गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ब्रांड एंबेसडर होने का दावा किया गया। पीड़ितों से पैसा ऐंठने के लिए उनके वीडियो भी दिखाए गए। तीन साल तक आरोपी कंपनी ने पीड़ितों को शर्तों के हिसाब से रिटर्न भी दिया। इस साल अचानक कंपनी को बंद कर आरोपी फरार हो गए। देश भर के करीब एक लाख से ज्यादा लोगों को 11 हजार करोड़ रुपये चूना लगाया गया है। इस स्कीम के शिकार दिल्ली के लोग भी हुए हैं। यहां के करीब 100 पीड़ितों की 5 करोड़ 55 लाख रुपये से ज्यादा की रकम डूबी है। इन पीड़ितों की शिकायत पर 29 सितंबर को दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (EOW) ने मुकदमा दर्ज कर लिया है।
खुद को बताया पीएम मोदी का ब्रांड एंबेसडर
नेहा कुमारी, सुरेश चंद्र जाट और मधु पंत समेत 96 पीड़ितों ने शाहदरा और ईस्ट जिला पुलिस को अपने साथ हुई ठगी की गुहार लगाई थी। पुलिस की जांच में यह मामला पांच करोड़ रुपये से ज्यादा होने से ईओडब्ल्यू में ट्रांसफर कर दिया गया। पीड़ितों ने पुलिस को बताया कि कड़कड़डूमा स्थित हेडगेवार आरोग्य संस्थान के नर्सिंग ऑफिसर विनोद कुमार नेक्सा एवरग्रीन नाम की कंपनी को लीड करता था। वो दावा करता था कि कंपनी के डायरेक्टर रणबीर बिजारणिया और सुभाष बिजारणिया उसके बचपन के दोस्त हैं। ये गुजरात के धोलेरा स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट का काम कर रहे हैं। ये दावा करता था कि ये पीएम मोदी का ड्रीम प्रोजेक्ट है, जो उसके ब्रांड एंबेसडर हैं। इसे लेकर विनोद कुमार ने वीडियो भी पीड़ितों को दिखाए थे।
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14 महीनों में पैसे डबल के करीब का वादा
पीड़ितों का कहना है कि 50 हजार रुपये इनवेस्ट करने पर उन्हें 14 महीने में 80 हजार रुपये देने का वादा किया गया। ये मुनाफे की रकम हर मंगलवार को उनके खाते में पहुंच जाया करती थी। करीब तीन साल तक सब ठीक-ठाक चलता रहा। इससे पीड़ित ज्यादा से ज्यादा पैसा स्कीम में लगाने लगे। अचानक 23 जनवरी 2023 को कंपनी की वेबसाइट और इन्वेस्टर ऐप बंद हो गए।पीड़ितों ने अगले दिन नेक्सा कंपनी के लिए दिल्ली में काम कर रहे विनोद कुमार से संपर्क किया, जिसने 15 दिन के भीतर पैसा लौटाने का वादा किया। लेकिन ये भी 1 फरवरी 2023 को फरार हो गया। पीड़ितों का दावा है कि दिल्ली में इस कंपनी के लिए विनोद के अलावा जुगल किशोर उर्फ सेठ जी पैसा इकट्ठा करता था, जिन्होंने काफी रकम खुद भी रख ली।
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सीकर में अरेस्ट हो चुके हैं मास्टरमाइंड
राजस्थान में ही इस कंपनी और डायरेक्टरों के खिलाफ 100 से ज्यादा केस दर्ज हैं। मध्य प्रदेश, पंजाब और हरियाणा समेत कई राज्यों में इनका जाल फैला हुआ था। सूत्रों का दावा है कि देश भर में करीब एक लाख लोग इनके शिकार हुए हैं। तीन साल तक बेहतर रिटर्न मिलने की वजह से लोग ज्यादा से ज्यादा इनवेस्ट करने लगे। एक-एक पीड़ित के लाखों रुपये हैं। सीकर पुलिस ने आरोपी सेना से रिटायर रणबीर बिजारणिया, सुभाष बिजारणिया, उपेंद्र बिजारणिया और अमर चंद ढाका को मार्च 2023 में अरेस्ट कर लिया है। इनके लिए अलग-अलग इलाकों में पैसा जुटाने वालों को भी पकड़ा गया है। सेना और पुलिस के अलावा सरकारी जॉब करने वाले लोग इनके शिकार बने हैं। राजस्थान पुलिस ने इनकी करोड़ों की प्रॉपर्टी का पता लगाया है और कई बैंक अकाउंट्स में जमा 250 करोड़ रुपये ज्यादा की रकम सीज की है।