विदेश में बसने के सपने दिखाकर लाखों रुपये लूटने वाले दिल्ली का परिवार बना शिकार, जानिए पूरी कहानी

विदेश में बसने के सपने दिखाकर लाखों रुपये लूटने वाले दिल्ली का परिवार बना शिकार, जानिए पूरी कहानी

एक परिवार ने कनाडा में बसना चाहा। एक ट्रैवल एजेंसी ने प्लेसमेंट और परमानेंट रेजिडेंसी के सपने दिखाए। यह विदेश परिवार भी एक ट्रैवल एजेंट से मिला। दोनों परिवारों ने एक वर्ष में 58 लाख 52 हजार 445 रुपये खर्च किए। विदेश बाद में कनाडा में काम के प्रस्तावों के लेटर भेजे गए। फोन पर भी ई-वीजा भेजा गया था। कुछ समय बाद मैं कॉल लेने बंद कर दिया। जब वे ऑफिस पहुंचे, तो दरवाजा बंद था और दंपती घर नहीं थी। छानबीन से पता चला कि बहुत से लोग ठगे गए हैं। विदेश क्राइम ब्रांच ने सोमवार को पीड़ितों की शिकायत पर केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।

विदेश में बसने के सपने दिखाकर लाखों रुपये लूटने वाले दिल्ली का परिवार बना शिकार, जानिए पूरी कहानी

विवाहित दीपक कुमार (36), जो अपने परिवार के साथ जनकपुरी में रहते हैं, किसी भी समस्या से निपटने के लिए सिर्फ एक फोन पर मिल जाएगा। विदेश  उसने अपने परिवार के साथ कनाडा में बसना चाहा। मार्च 2022 में, अपने दोस्त मंजीत के माध्यम से लाजपत नगर में एक ट्रैवल एजेंसी से संपर्क में आया। मंजीत को इस ट्रैवल एजेंसी का पता सोशल मीडिया पर मिला। उनका दावा है कि वे विनय रॉय और आकांक्षा रॉय, जो इस संस्था के मालिक हैं, से मिले।

लाजपत नगर गुरु नानक मार्केट में उनका कार्यालय ऊपरी मंजिल पर था। मंजीत उनके दोस्त था। विनय ने दावा किया कि वह कनाडा का वीजा, वर्क परमिट और पीआर प्राप्त करेगा।

विदेश में बसने के सपने दिखाकर लाखों रुपये लूटने वाले दिल्ली का परिवार बना शिकार, जानिए पूरी कहानी

दीपक कहता है कि उसने कनाडा में अपनी पत्नी और बेटी के साथ परमानेंट शिफ्ट होने की बात की। विनय और आकांक्षा ने प्राथमिकता पर काम करने की गारंटी दी और कैनेडियन एंबैसी में अच्छे लिंक होने का दावा किया। दस्तावेजों को लाजपत नगर के विक्रम विहार में नवनिर्मित कार्यालय में जमा करने का आदेश दिया गया था। दस्तावेजों की एक चेक लिस्ट भी प्रदान की गई थी। दंपती ने कनाडा को लेकर बहुत कुछ देखा। कनाडा की बड़ी नामी कंपनी में काम दिलाने के लिए 20 लाख रुपये और पीआर के पांच लाख रुपये की मांग की गई।

वीजा प्रक्रिया के लिए आवश्यक दस्तावेजों की आवश्यकता थी। 1 मार्च 2022 से 29 मार्च 2023 तक दोनों परिवार ने 55 लाख 52 हजार 445 रुपये जुटाए। शुरूआती पांच लाख देने पर उन्हें कनाडा के डेल्टा होटल का सीनियर फ्लोर मैनेजर बनाया गया, जबकि पत्नी को फर्जी ऑफर लेटर और वर्क परमिट दिया गया था रिसेप्शनिस्ट। भेजने के लिए कई लोग बहाने लगे। जोर देने पर ई-वीजा फोन पर भेजा गया। कुछ समय बाद मैंने फोन पिक करना छोड़ दिया। दोनों घर छोड़ चुके थे और वह ऑफिस पहुंचे तो बंद था।

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