सीएम केजरीवाल (जल बोर्ड कर्मचारियों के लिए देवदूत )
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने अपने घर पर उत्तरकाशी टनल ऑपरेशन को सफल बनाने में महत्वपूर्ण योगदान देने वाले दिल्ली जल बोर्ड के कर्मचारियों से मुलाकात की। मुख्यमंत्री ने इस दौरान सभी का स्वागत किया और सम्मान किया। इन बहादुरों ने टनल में फंसे लोगों तक पहुंचने में सबसे कठिन बाधा पार की। ये सभी पिछले कई सालों से दिल्ली जल बोर्ड से जुड़े हुए हैं और शहर के विभिन्न इलाकों में रहते हैं।इन मजदूरों को दिल्ली से एयरलिफ्ट करके उत्तराखंड भेजा गया जब अमेरिकन ऑगर मशीन फेल हो गई।
बिना सोए, उन्होंने टनल में फंसे लोगों को बचाया। श्रमवीरों ने सीएम को बचाव कार्य की चुनौतियों से भी रू-ब-रू कराया, जिसके बाद सीएम ने उनकी बहादुरी की प्रशंसा की और उन्हें बधाई दी। दिल्ली जल बोर्ड की चेयरमैन और जल मंत्री आतिशी भी इस दौरान उपस्थित थीं।
सीएम केजरीवाल ने मुलाकात की तस्वीरें शेयर कीं और कहा कि उन्हें आज उत्तराखंड में टनल खोदकर 41 श्रमिकों की जान बचाने वाले बहादुरों से मिलने का सौभाग्य मिला। ये लोग दिल्ली जल बोर्ड के लिए पाइपलाइन और सीवर बनाते हैं। उनसे मिले और उनके साहस की कहानी सुनी। उनकी साहस के लिए उनका सम्मान किया गया। आज पूरा देश उनकी साहस की तारीफ़ कर रहा है। दिल्ली और पूरे देश को इन वीरों पर गर्व है।
मुख्यमंत्री ने कामगारों की प्रशंसा की
केजरीवाल ने श्रमजीवियों की प्रशंसा करते हुए कहा कि उन्होंने अपनी जान की बाजी लगाकर दिन-रात काम करके ४१ लोगों की जिंदगी बचाई। यह भी दिलचस्प है कि आप सभी लोग दिल्ली में रहते हैं और दिल्ली जल बोर्ड में हमारे साथ काम कर रहे हैं, जो दिल्लीवासी हैं। यह आज आप सभी के साथ बैठकर चर्चा करने का मेरा सौभाग्य है।
तीन टीमें बनाकर काम किया: 15 लोगों की प्रत्येक टीम ने अलग-अलग कामों में विशेषज्ञता हासिल की। पहली टीम में निर्मल मिश्रा, राधे रमन दुबे निवासी महावीर विहार कॉलोनी, अमित कुमार रजक निवासी महावीर विहार कॉलोनी, टिंकू दुबे निवासी महावीर विहार कॉलोनी और राम निवासी नांगलोई हैं। इनके बेहतरीन वेल्डर हैं और टनल में काम करने का काफी अनुभव है।
उन्हें फंसे लोगों को बाहर निकालने के लिए पाइप और टनल के अंदर कटिंग और वेल्डिंग करना पड़ा। नांगलोई के ओम प्रकाश, कंझावला के धूरेंद्र राय और मोहम्मद अहमद दूसरी टीम में थे। इनके पास टनल में पाइप फिटिंग का अविश्वसनीय अनुभव है। उन्हें धक्का देने के लिए पाइप फिट किया गया था। दिल्ली में रहने वाले राकेश राजपूत, महिपाल लोधी, सूर्य मोहन राय, परसादी लोधी, भूपेंद्र लोधी और जतराम लोधी ने तीसरी टीम बनाई। इन्हें टनल के अंदर पाइप को मैन्युअल रूप से धकेलने में महारत है।
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