परीक्षा का दबाव और माता-पिता से आशा की वजह से विद्यार्थी डिप्रेशन हो रहे हैं। विद्यार्थी डिप्रेशन में घातक कदम उठा रहे हैं। 10वीं की परीक्षा उज्जैन में शुरू होने से पहले एक विद्यार्थी ने जहर खा लिया है। वह अस्पताल में मर गया है। उसकी परिवारजनों ने बताया कि वह पढ़ने में अच्छा था। जब उसकी हालत बिगड़ने लगी तो उसने परिजनों से कहा कि उसने जहर खा लिया है। साथ ही परिवार को बताया कि मुझे बचाओ।
निलेश यादव थाना जीवाजीगंज क्षेत्र में संत लीला शाह कॉन्वेंट स्कूल में कक्षा दसवीं में पढ़ता था। वास्तव में, वह पूरे वर्ष दसवीं की परीक्षा की तैयारी में बिताया। वह परिवार की उम्मीदों और संख्या की दौड़ में पीछे हट गया। वह बहुत डर गया था। 5 फरवरी 2024 को हिंदी में उसका पेपर प्रकाशित हुआ। उसने पेपर से चार दिन पहले जहरीला खाना खाया था।
परिजन उसे गंभीर हालत में अस्पताल ले गए, जहां वह मर गया। पूरे मामले की जांच की जा रही है, जीवाजीगंज थाना पुलिस ने कहा। अब तक की जानकारी के अनुसार, निलेश पढ़ने-लिखने में बहुत अच्छा था। परीक्षा का इतना अधिक दबाव था कि उसे परीक्षा देने की बजाय जहर खाकर आत्महत्या करना आसान लगता था।
पुलिस भी यह पता लगाने में लगी है कि निलेश जहरीला पदार्थ कहा से लाया था। इस पूरे मामले का विश्लेषण किया जा रहा है। जब छात्र ने जहर खाया, तो उसकी हालत खराब हो गई, इसलिए उसे अस्पताल ले जाया गया। यहां उसने अपने परिवार को खुद बताया कि परीक्षा के डर से उसने जहर खाया है। बच्चे के पिता की तबीयत बिगड़ने पर उसे निजी अस्पताल ले गए, जहां गुरुवार दोपहर उसकी मौत हो गई। धनवंतरी कॉलेज में छात्र के पिता कार्यरत हैं।