बल्लभगढ़ में स्थित एक Udasin Sadhu Ashram: सांस्कृतिक पहचान और धार्मिक आस्था की विशिष्ट धरोहर

Udasin Sadhu Ashram

250 वर्ष पहले, संत शिरोमणि सतगुरु नानू जी महाराज ने बल्लभगढ़ के गुप्ता होटल के पास Udasin Sadhu Ashram की स्थापना की थी। यह आश्रम संस्कृति और धार्मिक विश्वासों का एक महत्वपूर्ण केंद्र है। सनातन धर्म के अनुयायियों के लिए यह आश्रम गहरी श्रद्धा का स्थान है, जो उदासीन पंचायती अखाड़ा से जुड़ा हुआ है। यहां भगवान गणेश, माता दुर्गा, भगवान शिव, सूर्य देव और भगवान विष्णु की विशेष पूजा की जाती है।

धार्मिक गतिविधियां और उनका महत्व

भक्तों के बीच आकर्षण का मुख्य केंद्र है उदासीन साधु आश्रम में हर शनिवार को सुंदरकांड का पाठ विशेष रूप से किया जाता है। आश्रम के महंत स्वामी कामेश्वरानंद के अनुसार यह धार्मिक कार्यक्रम हनुमान जी के आशीर्वाद से शुरू हुआ था । शनिवार को सुंदरकांड और हनुमान चालीसा का पाठ करने से शनि देव परेशानियों को दूर करेंगे। इस मान्यता के कारण बहुत से लोग यहां आते हैं।

आश्रम के धार्मिक अनुष्ठान

आश्रम में शनिवार, रविवार और मंगलवार को भी सुंदरकांड का पाठ किया जाता है। भक्तजन इन दिनों विशेष आराधना और भजन-कीर्तन में भाग लेते हैं। हर शाम 6:45 से 7:15 बजे तक भव्य आरती होती है,  जिसके बाद भक्तों को प्रसाद वितरित किया जाता है। भक्तों के लिए यह धार्मिक अनुष्ठान एक अलग आध्यात्मिक अनुभव बनाता है।

आध्यात्मिक धरोहर का संरक्षण

उदासीन साधु आश्रम बल्लभगढ़ की धार्मिक और सांस्कृतिक पहचान है। यहाँ आने वाले श्रद्धालुओं को संत शिरोमणि सतगुरु नानू जी महाराज की आध्यात्मिक शिक्षाएं और दर्शन प्रेरणा देते हैं। आश्रम का ऐतिहासिक महत्व बल्लभगढ़ की संस्कृति का प्रतीक है, जो सदियों से धार्मिक और आध्यात्मिक यात्राओं के लिए एक लोकप्रिय स्थान रहा है।

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