Aja Ekadashi 2024: नारायण हरि का आशीर्वाद पाने के लिए अजा एकादशी के दिन इन तीन अद्भुत तरीकों से पूजा करें!
Aja Ekadashi 2024: विधि-विधान से अजा एकादशी व्रत करने से लोगों की संतान सुखी रहती है और उन पर आने वाले संकट दूर होते हैं। भगवान विष्णु की पूजा करने से लोग पापों से छुटकारा पाते हैं और मृत्यु के बाद स्वर्ग की प्राप्ति होती है।
Aja Ekadashi 2024 Shubh Sanyog: हिंदू धर्म में अजा एकादशी व्रत बहुत महत्वपूर्ण है। इस एकादशी के दिन दुर्लभ संयोग का महत्व और भी बढ़ जाता है। इन परिस्थितियों में पूजा करने से व्रत रखने वाले लोगों को विशिष्ट लाभ मिलता है। अजा एकादशी के दिन अक्सर भगवान की पूजा करने के लिए बहुत दुर्लभ ग्रहों और नक्षत्रों का संयोग होता है। कुछ सामान्य संयोगों में सिद्धि योग, रवि योग, और शुभ नक्षत्र शामिल होते हैं।
भाद्रपद मास की कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि 29 अगस्त को 01 बजकर 19 मिनट पर शुरू होगी और 30 अगस्त को 01 बजकर 37 मिनट पर खत्म होगी, पंचांग के अनुसार। योजनानुसार, अजा एकादशी का व्रत 29 अगस्त, गुरुवार को रखा जाएगा। इस बार की अजा एकादशी में तीन शुभ संयोग बन रहे हैं।
इस संयोग में पूजा करें
पहला संयोग यह है कि यह व्रत गुरुवार के दिन है। गुरुवार को शास्त्रों में भगवान विष्णु की पूजा और व्रत का दिन माना जाता है। अजा एकादशी पर सर्वार्थ सिद्धि योग बन रहा है, जो दूसरा संयोग है। जो 29 अगस्त की शाम 4:39 बजे से शुरू होकर 30 अगस्त की सुबह 5:58 बजे खत्म होगा। तीसरा संयोग यह है कि व्रत वाले दिन सुबह सिद्धि योग होगा, जो शाम 6:18 बजे तक रहेगा। यानि इन परिस्थितियों में भगवान नारायण हरि की पूजा करने से लोगों को उनकी विशेष कृपा मिलेगी।
अजा एकादशी की पूजा की विधि
- अजा एकादशी के दिन सुबह ब्रह्म मुहूर्त में स्नान करके साफ कपड़े पहनें।
- सुबह सूर्य देवता का ध्यान करें और तांबे के लोटे से उन्हें जल चढ़ाएं।
- अजा एकादशी के दिन एक चौकी पर माता लक्ष्मी और भगवान श्रीहरि विष्णु की प्रतिमा रखें।
- पीले पुष्प, वस्त्र, फल और मिठाई से भगवान श्रीहरि विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा करें।
- फिर धूपबत्ती या अगरबत्ती जलाकर आरती करें और व्रतकथा पढ़ें।
- अंत में भगवान शिव को भोग लगाकर दूसरों को भोजन देकर खुद भी भोजन करें।
- पूजा के बाद गरीबों और असहाय लोगों को फल, अनाज, कपड़े आदि दे सकते हैं।
पारण करने के लिए सही समय
अगर किसी ने अजा एकादशी का व्रत रखा है तो उसे 30 अगस्त, शुक्रवार को पारण कर सकते हैं। सुबह 7 बजे 49 मिनट से 8 बजे 31 मिनट तक आप पारण कर सकते हैं। शुभ मुहूर्त में एकादशी व्रत का पारण करने पर ही उपवास पूरा माना जाता है। व्रत पूरा करने पर ही भगवान से पूर्ण फल पाने का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
अजा एकादशी क्या है?
ऐसी मान्यता है कि अजा एकादशी का विधि-विधान से व्रत रखने से गरीबी दूर होती है। घर में खुशी और सुख आता है। अजा एकादशी का व्रत रखें जो लोग कर्जदार हैं या आर्थिक संकट से जूझ रहे हैं। श्रीहरि की कृपा से व्यक्ति को ऋण से छुटकारा मिलता है। अजा एकादशी का व्रत करने से संतान खुश रहती है और मुसीबत दूर होती है। भगवान विष्णु की विधि विधान से पूजा करने पर पाप मिटते हैं और मृत्यु के बाद व्यक्ति को स्वर्ग की प्राप्ति होती है.