Amritpal Singh: खालसा राज का सपना देखना अपराध नहीं बल्कि गर्व की बात है अमृतपाल सिंह ने अपनी मां के इस बयान से दूरी बनाई

Amritpal Singh: कट्टरपंथी सिख उपदेशक और “वारिस पंजाब दे” के संस्थापक अमृतपाल सिंह ने अपनी मां के इस बयान से दूरी बना ली है कि उनका बेटा खालिस्तान समर्थक नहीं है।  खडूर साहिब से सांसद अमृतपाल सिंह ने कहा कि मुझे माता जी के बयान का पता चला तो बहुत दुख हुआ।

Amritpal Singh: “वारिस पंजाब दे” के संस्थापक और कट्टरपंथी सिख उपदेशक अमृतपाल सिंह ने अपनी मां के इस बयान से दूरी बना ली है कि उनका बेटा खालिस्तान का समर्थक नहीं है। खडूर साहिब से सांसद अमृतपाल सिंह ने कहा कि मुझे माता जी के बयान का पता चला तो बहुत दुख हुआ। मुझे लगता है कि माता ने अनजाने में यह बयान दिया है। फिर भी मेरे परिवार या किसी समर्थक की ओर से ऐसा बयान नहीं दिया जाना चाहिए। उनका कहना था कि खालसा राज का सपना देखना गर्व की बात है और कोई अपराध नहीं है। इस सपने को पूरा करने के लिए लाखों सिखों ने अपनी जान दी, और हम इस रास्ते से हटने की सोच भी नहीं सकते।

बेटा खालिस्तानी समर्थक नहीं’

भाई अमृतपाल सिंह का आधिकारिक बयान’ शीर्षक के साथ जारी बयान में कहा गया है कि मैंने कई बार मंचों से कहा है कि अगर मुझे कभी ‘पंथ’ और परिवार के बीच किसी को चुनना पड़ा तो मैं हमेशा ‘पंथ’ को ही चुनूंगा। सिंह ने लोकसभा सदस्य के रूप में शपथ ली थी, तब उनकी मां बलविंदर कौर ने अमृतसर में पत्रकारों से कहा था कि उनका बेटा खालिस्तानी समर्थक नहीं है। सिंह को तुरंत रिहा करने की उनकी मांग थी, ताकि वह चुनाव में उठाए गए मुद्दों पर काम कर सके।

मां के बयान पर क्या कहा?

बाद में बलविंदर कौर ने एक वीडियो संदेश में कहा था कि मीडिया ने उनके बयान को तोड़-मरोड़ कर पेश किया। जेल में बंद ‘वारिस पंजाब दे’ के प्रमुख सिंह ने अपने बयान में यह भी कहा कि यह एक ऐतिहासिक घटना जैसा है, जिसमें बंदा सिंह बहादुर के साथ आए सिख शहीद हो रहे थे, तब 14 वर्षीय एक युवक की मां ने यह कहकर उसे बचाने की कोशिश की कि वह सिख नहीं है। तब युवक ने कहा कि अगर यह महिला कहती है कि मैं सिख नहीं हूं तो मैं घोषणा करता हूं कि यह मेरी मां नहीं है।

बयान के बारे में परिवार को चेतावनी दी

बयान में कहा गया है कि मैं अपने परिवार को चेतावनी देता हूं कि वह सिख राज पर समझौता करने या इसके खिलाफ बोलने के बारे में कभी न सोचे। संगठन से बातचीत करते समय ऐसी कोई गलती नहीं होनी चाहिए। एक सवाल पर सिंह की मां ने कहा कि वह खालिस्तानी नहीं है। पंजाब के अधिकारों की बात करके और पंजाब के युवाओं को शराब से बचाने से क्या कोई खालिस्तान का पक्षधर बन सकता है? कौर ने कहा कि वह संविधान के नियमों के तहत चुनाव लड़ा और शपथ ली। ऐसा नहीं करना चाहिए। वह पंजाब के मुद्दे उठाएगा और युवाओं को (नशे से) बचाएगा।

लोकसभा में सांसद की शपथ ली

सिंह और कश्मीरी नेता शेख अब्दुल रशीद को शपथ लेने के लिए पैरोल मिली। उन्होंने शपथ ली थी। सभी प्रक्रियाएं पूरी करने के बाद, उन्होंने लोकसभा अध्यक्ष के कक्ष में शपथ ली थी। सिंह असम के डिब्रूगढ़ जिले में राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम के तहत जेल में हैं। शपथ ग्रहण के लिए उन्हें असम से दिल्ली चार दिन की हिरासती पैरोल पर लाया गया था। हाल ही में लोकसभा चुनाव में निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ने वाले सिंह ने कांग्रेस के उम्मीदवार कुलबीर सिंह जीरा को 1,97,120 वोटों से हराया है।

जरनैल सिंह भिंडरावाले का है अनुयायी

सिंह को राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत नौ साथियों के साथ जेल में डाला गया है, जो खुद को मारे गए खालिस्तानी आतंकवादी जरनैल सिंह भिंडरावाले का अनुयायी बताते हैं। सिंह को पिछले साल 23 फरवरी को अजनाला के एक थाने में घुसने और अपने एक सहयोगी को हिरासत से छुड़ाने के प्रयास में पुलिसकर्मियों से झड़प करने, तलवारें और हथियार लहराने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था।

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