मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने निर्वाण संस्था में भर्ती मानसिक बीमार बच्चों की स्थिति का परीक्षण किया

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ शुक्रवार को राजधानी लखनऊ में भोजन करने के बाद बीमार हो गए निर्वाण संस्था के बच्चों का हाल जानने के लिए लोकबंधु अस्पताल पहुंचे।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ लोकबंधु अस्पताल पहुंचे। यहां स्थित निर्वाण संस्था में भर्ती मानसिक बीमार बच्चों की स्थिति का परीक्षण किया गया। संस्था के लगभग सत्तर बच्चे चार दिन पहले भोजन करने के बाद बीमार हो गए। इनमें से चार अब तक मर चुके हैं। 27 को उपचार दिया जा रहा है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ शुक्रवार को राजधानी लखनऊ में भोजन करने के बाद बीमार हो गए निर्वाण संस्था के बच्चों का हाल जानने के लिए लोकबंधु अस्पताल पहुंचे। उन्हें हर बच्चे के बेड पर जाकर उनके इलाज और तबीयत में सुधार की जानकारी ली। बच्चों से मिलकर वह भावुक दिखाई दिखे।

इस दौरान, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों और डॉक्टरों को ठीक से इलाज करने का आदेश दिया। उन्हें पूरी तरह से स्वस्थ होने के बाद ही डिस्चार्ज करने का आदेश दिया गया था। उन्होंने बच्चों के खाने-पीने की पर्याप्त व्यवस्था करने के लिए भी निर्देश दिए।

ये लोग इस समय मौजूद थे

एमएस डॉ. अजय शंकर त्रिपाठी ने बताया कि गुरुवार को वार्ड नंबर 30 के अंतर्गत जनरल पुरुष वार्ड में 16 बच्चों को भोजन की कमी से प्रभावित किया गया था। वर्तमान में हर बच्चा सामान्य है। सभी बच्चे नियमित रूप से देखे जाते हैं। मुख्यमंत्री कार्यालय के प्रमुख सचिव संजय प्रसाद, प्रमुख सचिव लीना जौहरी, लखनऊ मंडलायुक्त डॉ. रौशन जैकब, जिलाधिकारी विशाख जी, अस्पताल के एमएस डॉ. अजय शंकर त्रिपाठी, डॉ. सरोज और डॉ. राजीव दीक्षित सहित अन्य लोगों ने इस दौरान उपस्थित किया।

27 का उपचार

निर्वाण संस्था में मनोरोगी बच्चों का स्वास्थ्य खराब है। 23 मार्च की रात खाने के बाद बीमार होकर मरने वाले बच्चों की संख्या चार हो गई है। 12 वर्षीय शिवांक 24 मार्च को लोकबंधु अस्पताल में मर गया। इस घटना को संस्था के सदस्यों ने दबा दिया था। पूरा मामला बुधवार को रेनू (15) और दीपा (15) की मौत के बाद खुला।

बलरामपुर अस्पताल में भर्ती 12 वर्षीय सूरज की 25 मार्च को उपचार के दौरान मौत हो गई है। मृत्यु को भी छिपाने का प्रयास हुआ। आईसीयू में भर्ती एक बच्चे की हालत अभी भी खराब है। डॉक्टरों की एक टीम उसकी सेहत को देख रही है। कुल 20 बच्चे विभिन्न अस्पतालों में भर्ती हैं। जबकि संस्था में सात बच्चों का इलाज चल रहा है। इस स्थान पर घटना की जांच शुरू हो गई है।

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