CM Kejriwal vs ED: 16 मार्च को मैं स्वयं पेशी पर आऊंगा..। CM केजरीवाल को ED के समन की अनदेखी पर मोहलत मिली

CM Kejriwal vs ED: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को ED की याचिका मामले में अदालत ने मोहलत दी है। दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने उन्हें 16 मार्च को सुबह 10 बजे अदालत में पेश होने का निर्देश दिया है। मुख्यमंत्री केजरीवाल आज सुनवाई में वर्चुअली पेश हुए। बजट सत्र में व्यस्त होने की वजह से उन्हें अदालत में पेश नहीं हो पाया। ध्यान दें कि केजरीवाल को शराब नीति मामले में छठा नोटिस भेजा गया है, जो 19 फरवरी को पेश होने के लिए कहा गया है।

अदालत ने मोहलत दी

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के खिलाफ ED ने समन का पालन नहीं करने की शिकायत की थी। बाद में केजरीवाल को नोटिस जारी कर न्यायालय में पेश होने का आदेश दिया गया। केजरीवाल आज एक वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से अदालत में पेश हुए। केजरीवाल के वकील ने ईडी के समन का पालन नहीं करने के मामले में अपने मुवक्किल के लिए अदालत में प्रत्यक्ष हाजिरी से छूट की मांग की, जिस पर अदालत ने उन्हें शनिवार के लिए छूट दी। केजरीवाल को सीनियर ऐडवोकेट रमेश गुप्ता ने अदालत में पेश किया था। बजट सत्र में उनकी व्यस्तता के कारण वे समय मांग रहे थे।विधानसभा में विश्वास प्रस्ताव पर चर्चा और बजट सत्र के कारण वे आज कोर्ट में शारीरिक रूप से उपस्थित नहीं हो सके। वे 16 मार्च को कोर्ट में पेश होंगे, जो उनकी अगली सुनवाई है…।

ED ने केजरीवाल को छठा समन दिया

इधर, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को आबकारी नीति से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में छठा समन भेजा गया है। बुधवार को आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि केजरीवाल (55) को 19 फरवरी को ED के सामने पेश होने का आदेश दिया गया है। ED की ओर से इस मामले में भेजे गए समन की अवज्ञा करने के लिए केजरीवाल को पिछले सप्ताह दिल्ली की एक अदालत ने 17 फरवरी को पेशी के लिए कहा था। न्यायालय ने कहा कि पहली नजर में केजरीवाल इसका पालन करने के लिए “कानूनी रूप से बाध्य” हैं। ईडी ने अपनी शिकायत में कहा कि केजरीवाल को कई बार पूछताछ के लिए बुलाया गया था ताकि उनके सहित अन्य लोगों की भूमिका और “अपराध से अर्जित आय” का पता लगाया जा सके। एजेंसी ने कहा कि केजरीवाल ने जानबूझकर हर समन की अवज्ञा की। उसने कहा कि उन्हें इस साल तीन जनवरी, 18 जनवरी और दो फरवरी को बुलाया गया था, साथ ही 2023 में दो नवंबर और 21 दिसंबर को भी बुलाया गया था। मुख्यमंत्री ने इन नोटिस को हमेशा “अवैध” बताया।

 

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