CM Mann
CM Mann: हाल के कुछ महीनों में पंजाब में टैक्स संग्रहण में बदलाव देखने को मिले हैं। टैक्स चोरी को खत्म करने और आम लोगों को देश और प्रदेश के विकास में शामिल करने के लिए मान सरकार ने महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। मान सरकार की ‘बिल लाओ, इनाम पाओ’ योजना इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह योजना सरकारी राजस्व को बढ़ाने में सक्षम है।
पंजाब में आर्थिक सुधार के कुछ महत्वपूर्ण प्रयासों को भगवंत मान सरकार के कार्यकाल के दौरान सर्वोच्च प्राथमिकता दी गई है। मार्च 2023 की अंतिम तिमाही में राज्य का बिक्री कर संग्रहण 15.69 प्रतिशत बढ़कर 19,222 करोड़ रुपये था, जबकि एक्साइज राजस्व 11.71 प्रतिशत बढ़कर 8,093.59 करोड़ रुपये था। राज्य में पिछले वर्ष की इसी अवधि में जीएसटी संग्रह 16,615.52 करोड़ रुपये था।
राज्य के वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि ‘बिल लाओ, इनाम पाओ’ योजना राज्य में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। साथ ही, मुख्यमंत्री मान का मानना है कि राज्य बिना अपने जनता के साथ विकास नहीं कर सकता। इसलिए, राज्य सरकार ने राज्यवासियों के लिए नए कार्यक्रम शुरू किए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि ‘बिल लाओ, इनाम पाओ’ कार्यक्रम इस दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है।
योजना “बिल लाओ इनाम पाओ” की सफलता
मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि अवैध बिल जारी करने वाले विक्रेताओं पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्हें बताया कि इस योजना के तहत अवैध बिल जारी करने वाले विक्रेताओं पर 7.63 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया गया है, जिसमें से 5.87 करोड़ रुपये वसूली हो चुकी हैं। Finance Minister हरपाल सिंह चीमा ने बताया कि बिलिंग में हुई गड़बड़ियों के लिए विक्रेताओं को 1,604 नोटिस जारी किए गए हैं, जिनमें से 711 नोटिस का समाधान कर दिया गया है। उन्हें बताया कि राज्य में कर अनुपालन में सुधार हुआ है, क्योंकि इस योजना से 123 नए GST पंजीकृत हुए हैं।
“मेरा बिल ऐप” का फायदा
मंत्री चीमा ने कहा कि 21 अगस्त, 2023 को सीएम भगवंत मान द्वारा शुरू की गई इस योजना से ग्राहकों को “मेरा बिल ऐप” के माध्यम से बिल अपलोड करने के लिए प्रेरित किया गया है, जिससे सरकार को मजबूत प्रतिक्रिया मिली है। 91,719 बिल अब तक ‘मेरा बिल ऐप’ पर अपलोड किए गए हैं। इसके अलावा, अब तक 1.37 करोड़ रुपये का पुरस्कार 2,353 विजेताओं को ‘बिल लियाओ इनाम पाओ’ कार्यक्रम से दिया गया है।
जालंधर विधानसभा उपचुनाव का परिणाम कांग्रेस के लिए ‘खतरे की घंटी’
कांग्रेस को जालंधर पश्चिम सीट पर हुए विधानसभा उपचुनाव का परिणाम बहुत चौंकाने वाला रहा और इससे उसे गंभीर चेतावनी मिली है। लोकसभा चुनाव में सात सीटों की जीत का ‘हनीमून’ काल अभी समाप्त भी नहीं हुआ था कि उपचुनाव में कांग्रेस तीसरे स्थान पर पहुंच गई। मुख्यमंत्री भगवंत मान ने इस उपचुनाव को लेकर अपना निवास जालंधर में स्थानांतरित कर दिया, इसलिए पहले से ही आम आदमी पार्टी की जीत निश्चित मानी जा रही थी।
चुनाव की जिम्मेदारी चरणजीत सिंह चन्नी पर थी।
उपचुनाव में कांग्रेस ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी थी। चुनाव की पूरी जिम्मेदारी जालंधर के सांसद और पूर्व मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी पर थी।। कांग्रेस को भी चिंता है कि अब उसे चार अतिरिक्त उपचुनाव और पांच नगर निगम चुनावों में भाग लेना होगा। दोआबा की दलित राजनीति में चौधरी परिवार के विलय के बाद चरणजीत सिंह चन्नी नए नेता बन गए।
लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने जीत हासिल की थी
चन्नी ने लोकसभा चुनाव में यह सीट और जालंधर पश्चिमी में 44,394 वोट जीते थे। भाजपा के सुशील रिंकू ने इस विधानसभा में 42,837 वोट जीते, रिंकू चन्नी से 1,557 वोटों से पीछे रहे। कांग्रेस ने उपचुनाव के परिणामों के 40 दिनों के भीतर पहले स्थान से खिसक कर तीसरे स्थान पर पहुंच गई।
कांग्रेस की प्रत्याशी तीसरे स्थान पर रही
आप के मोहिंदर भगत ने चुनाव जीता, जबकि भाजपा के शीतल अंगुराल ने 17,921 वोटों से दूसरा स्थान हासिल किया। कांग्रेस की महिला उम्मीदवार सुरिंदर कौर 16,757 वोटों से तीसरे स्थान पर रहीं। यह चुनाव सीधे चन्नी के नेतृत्व में लड़ा गया था। चन्नी को पार्टी ने प्रत्याशी चुनाव से लेकर चुनावी रणनीति तक पूरी जिम्मेदारी दी थी। लोकसभा और विधानसभा उपचुनावों के 40 दिन के भीतर ही चन्नी का असर कम हो गया। 2021 में मुख्यमंत्री बनने के बाद चन्नी एक बड़े दलित नेता बनने की कोशिश कर रहे हैं।
चन्नी का जादू काम नहीं कर सका
2022 का विधानसभा चुनाव भी चन्नी ने जीता था। चन्नी ने लोकसभा चुनाव में जीत हासिल की और दलितों का बड़ा नेता बन गए, लेकिन वह सुरक्षित सीट पर उनका जादू नहीं चल पाया, जबकि चन्नी पूरे चुनाव के दौरान जालंधर पश्चिमी में सक्रिय रहे। अब उन्हें इस पर विचार करना होगा।