CM Yogi Adityanath ने महाकुम्भ को सामाजिक समता और जनभागीदारी का आदर्श उदाहरण बनाने का संकल्प जताया

CM Yogi Adityanath ने जनपद प्रयागराज में महाकुम्भ 2025 की तैयारियों का निरीक्षण किया, महाकुम्भ 2025 के दृष्टिगत संचालित कार्यों की समीक्षा की

उत्तर प्रदेश के CM Yogi Adityanath ने कहा कि प्रयागराज महाकुम्भ-2025 दिव्यता और भव्यता के साथ डिजिटल महाकुम्भ का मानक बनेगा। मां गंगा, यमुना जी और सरस्वती जी के पावन संगम में अविरल और निर्मल गंगा जी के दर्शन और पवित्र स्नान से कोई भारतवासी वंचित नहीं होना चाहेगा। इस बार का महाकुम्भ प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के मार्गदर्शन, संतों के आशीर्वाद तथा आम जनमानस की सहभागिता के नये मानक गढ़ने वाला होगा।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने आज जनपद प्रयागराज भ्रमण के अवसर पर महाकुम्भ 2025 की तैयारियों का निरीक्षण करने के बाद आई0सी0सी0सी0 सभागार में महाकुम्भ 2025 के दृष्टिगत संचालित कार्यों की समीक्षा करते हुए महाकुम्भ को सामाजिक समता और जनभागीदारी का आदर्श उदाहरण बनाने का संकल्प जताया। मुख्यमंत्री जी ने निर्देश दिए कि गंगा जी को पूरी तरह स्वच्छ और निर्मल बनाने के लिए जनसहयोग को प्राथमिकता दी जाए।

मुख्यमंत्री जी ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि कुम्भ के महत्व को वैश्विक स्तर पर प्रचारित किया जाए। हर वर्ग के लोगों को महाकुम्भ से जोड़ा जाए, ताकि यह आयोजन ‘ग्रीन प्रयागराज-ग्रीन महाकुम्भ’ के लक्ष्य के साथ विश्व पटल पर अपनी छाप छोड़े। वर्ष 2019 में कुम्भ के सफल आयोजन के बाद हमसे अपेक्षाएं और अधिक हैं। उन्होंने श्रद्धालुओं की सुरक्षा और सुविधाओं के लिए विशेष योजनाओं पर जोर दिया। पुलिस को सहयोगात्मक व्यवहार अपनाने का निर्देश देते हुए उन्होंने ड्रोन से निगरानी, साइबर सुरक्षा और आपदा प्रबंधन के पुख्ता इंतजाम करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि विशेष स्नान तिथियों के लिए विशेष कार्ययोजना बनाई जाए और आपदा मित्रों की तैनाती सुनिश्चित की जाए।

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि महाकुम्भ में आने वाले श्रद्धालुओं के लिए रोड, रेल और एयर कनेक्टिविटी को बेहतरीन बनाया जा रहा है। 7000 बसें चलाई जाएंगी साथ ही, इलेक्ट्रिक बसों के जरिए स्वच्छ और पर्यावरण-अनुकूल परिवहन सुनिश्चित किया जाएगा। उन्होंने स्वच्छता के लिए अतिरिक्त मैनपावर लगाने और सिंगल यूज प्लास्टिक को प्रतिबंधित करने के साथ जनजागरूकता अभियान चलाने के निर्देश भी दिए।

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि श्रद्धालुओं को डिजिटल महाकुम्भ का भी अनुभव मिलेगा। तकनीकी प्रबन्धों पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है, जिससे महाकुम्भ के विभिन्न आयामों को डिजिटल रूप में प्रस्तुत किया जा सके। प्रयागराज में मोहल्ला समितियों को सक्रिय करते हुए ‘ग्रीन महाकुम्भ’ के लक्ष्य को साकार किया जाएगा।

मुख्यमंत्री जी ने अधिकारियों को समय पर कार्य पूरे करने और गुणवत्ता से कोई समझौता न करने के निर्देश दिये। संगम नोज पर लैंड फिलिंग का कार्य और शहर की उखड़ी सड़कों का निर्माण समय पर पूरा करने के निर्देश भी दिये। उन्होंने कहा कि अति आत्मविश्वास से बचें और प्रतिकूल परिस्थितियों के लिए एन0डी0आर0एफ0 और एस0डी0आर0एफ0 को तैयार रखें।

मुख्यमंत्री जी ने मेला क्षेत्र में चिकित्सा व्यवस्था के लिए अस्थायी अस्पताल तैयार करने और स्वच्छता को प्राथमिकता देने के निर्देश देते हुए महाकुम्भ से जुड़े विभिन्न आयामों के अध्ययन के लिए विशिष्ट संस्थानों का सहयोग लेने पर भी बल दिया। उन्होंने कहा कि महाकुम्भ 2025 के लिए पूरी दुनिया में उत्सुकता है और इसे जनसहयोग से ऐतिहासिक बनाया जाएगा। मुख्यमंत्री जी ने महाकुम्भ की परियोजनाओं की प्रगति पर संतुष्टि जताई।

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि महाकुम्भ से सम्बन्धित सभी तैयारियां समय रहते पूरी कर ली जाएं। प्रयागराज महाकुम्भ के दृष्टिगत यह वर्ष अत्यंत महत्वपूर्ण है। तीन से चार महीना पहले से जिस तेजी के साथ कार्य हुआ है, वह बहुत संतोषजनक है। पहला स्नान 13 जनवरी, 2025 को है। इससे पहले, जो भी अधूरे कार्य हैं उन्हंे 10 दिसम्बर, 2024 तक अतिरिक्त मैन पावर लगाकर पूरा कर लिया जाए। स्वच्छता की डिजिटल माध्यम से लगातार मॉनिटरिंग हो। अक्षयवट, वेणी माधव सहित जितने भी प्राचीन स्थल हैं, उनका रोड मैप डिजिटल माध्यम से तैयार हो, जिससे यात्रियों को असुविधा न हो। यह सुनिश्चित किया जाए कि गंगा जी में पर्याप्त मात्रा में जल उपलब्ध रहे।

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि आपदा से निपटने के लिए पहले से ही सारी तैयारियां पूर्ण कर ली जाएं। अस्थाई हॉस्पिटलों की स्वास्थ्य सेवा की व्यवस्था कुम्भ-2019 की ही तरह की जाएं। स्थानीय प्रशासन, रेलवे एवं एयरपोर्ट के साथ समन्वय बनाकर कार्यों को पूर्ण कराये। महाकुम्भ प्लास्टिक मुक्त हो, इसके लिए व्यापक प्रचार-प्रसार कराया जाए। स्ट्रीट वेण्डर्स की सुचारु व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। अलग-अलग सेक्टरों के नाम अहिल्याबाई, निषाद राज सहित अन्य महापुरूषों के नाम पर रखे जाएं। कुम्भ की पहचान स्वच्छता की दृष्टि से हो, इसके लिए लगातार मॉनिटरिंग की जाए।

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि यातायात की व्यवस्था को चुस्त-दुरुस्त रखा जाए। फायर सेफ्टी की लगातार मॉनिटरिंग की जाए। जिन भी पुलिस कर्मचारियों की ड्यूटी लगी है, उनका व्यवहार अच्छा होना चाहिए। शरारती तत्वों से सख्ती से निपटा जाए एवं आपदा प्रबंधन के लिए सभी तैयारियां पूर्ण कर ली जाए। कुम्भ का धार्मिक, आध्यात्मिक, सामाजिक, आर्थिक तथा दार्शनिक आधार पर अध्ययन किया जाना चाहिए। कुम्भ का आध्यात्मिक एवं सांस्कृतिक महत्व दिखायी देना चाहिए।

इस अवसर पर उपमुख्यमंत्री श्री केशव प्रसाद मौर्य, जल शक्ति मंत्री श्री स्वतंत्र देव सिंह, औद्योगिक विकास मंत्री श्री नंदगोपाल गुप्ता ‘नंदी’, नगर विकास मंत्री श्री ए0के0 शर्मा, प्रयागराज के महापौर श्री उमेश चंद्र गणेश केसरवानी, जिला पंचायत अध्यक्ष डॉ0 वी0के0 सिंह सहित अन्य जनप्रतिनिधिगण, मुख्य सचिव श्री मनोज कुमार सिंह सहित शासन-प्रशासन के अधिकारीगण उपस्थित रहे।

प्रयागराज के भ्रमण के अवसर पर मुख्यमंत्री जी ने न्यायमूर्ति स्व0 गिरिधर मालवीय के आवास जाकर उनके परिजनों से भेंट की।

मुख्यमंत्री जी ने स्व0 गिरिधरमालवीय के चित्र पर माल्यार्पण कर अपनी श्रद्धांजलि दी। मुख्यमंत्री जी ने नागवासुकि मन्दिर में दर्शन-पूजन किया। उन्होंने मन्दिर परिसर में गंगा पुत्र भीष्म का भी दर्शन-पूजन किया।

source: http://up.gov.in

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